जयपुर: परिवहन विभाग करीब 12 साल बाद जयपुर के सार्वजनिक परिवहन सेवा के वाहनों की किराया सूची जारी करने की तैयारी कर रहा है. आरटीओ ने इसका प्रस्ताव बनाकर परिवहन विभाग को भेज दिया है.
परिवहन विभाग अगर जयपुर RTO प्रथम के प्रस्ताव को मंजूरी देता हैं तो ऑटो, कैब, मिनी बस सहित अन्य वाहनों का किराया तय किया जाएगा. अभी तक वाहनों का किराया तय नहीं है इसके चलते ऑटो, बस और मिनी बस चालक मनमर्जी से वसूल रहे थे. लेकिन सूची जारी होने के बाद सार्वजनिक परिवहन सेवा के वाहनों में तय किराया ही वसूला जाएगा. इससे शहर के करीब दो लाख से अधिक लोगों को रोज राहत मिलेगी. इधर, किराया सूची जारी करने के बाद ऑटो में मीटर सिस्टम को फिर से लागू किया जाएगा.
राजधानी में रोज निजी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में करीब दो लाख से अधिक यात्री सफर कर रहे हैं. इनमें सबसे अधिक यात्री कैब सेवा के वाहनों में सफर करते हैं. विभाग कैब सेवा के वाहनों का भी किराया तय करेगा. इसमें कार, बाइक और ऑटो शामिल होंगे. 50 हजार से अधिक यात्री कैब सेवा के वाहनों में सफर करते हैं. कैब कंपनियां रात को किराया बढ़ा देती हैं. ऐसे में यात्रियों को मजबूरी में अधिक किराया देना पड़ता है. किराया तय होने के बाद ऑपरेटरों की मनमानी रुक सकेगी और लोगों को काफ़ी राहत मिलेगी.
शहर में ऑटो, मिनी बस, कैब सेवा के वाहनों की यूनियन हैं आरटीओ की ओर से सभी यूनियन पदाधिकारियों से वार्ता की गई है. आज के पेट्रोल, सीएनजी की कीमत के हिसाब से किराया तय किया गया है. दरअसल, जयपुर में अधिकतर ऑटो सीएनजी से चल रहे हैं. कुछ ऑटो डीजल से भी संचालित होते हैं. 2013 में जारी की गई किराया सूची उस समय डीजल की दरों के हिसाब से तय की गई थी , परिवहन विभाग भले ही किराया तय कर रहा है.
लेकिन प्रीपेड टैक्सी बूथ पॉलिसी भी ठंडे बस्ते पड़ी है.इससे राजधानी के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और एयरपोर्ट सहित अन्य स्थानों से यात्री सस्ता सफर नहीं कर पा रहे हैं. गत कांग्रेस सरकार में इसकी घोषणा भी की गई थी. लेकिन विभाग ने इस पॉलिसी को आगे नहीं बढ़ाया. दरअसल पॉलिसी के तहत न्यूनतम किराया तय किया जाता है. यात्रियों को उनके गंतव्य स्थान के अनुसार न्यूनत दरों पर सफर कराया जाता है.