जैसलमेर में अप्रैल माह में गर्मी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड ! देश का सबसे गर्म शहर, रेड अलर्ट जारी

जैसलमेर{सूर्यवीरसिंह तंवर}: जैसलमेर राजस्थान का स्वर्ण नगरी, जिसे अपनी ऐतिहासिक धरोहर और विशाल रेगिस्तान के लिए जाना जाता है, आजकल एक और कारण से चर्चा में है – यहां की प्रचंड गर्मी. मई का महीना शुरू होने से पहले ही जैसलमेर में तापमान ने इतिहास रच दिया है. पिछले कुछ दिनों से जैसलमेर जिले में लू की लहर और भीषण गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है. 

मंगलवार, 29 अप्रैल को जैसलमेर में तापमान ने नया रिकॉर्ड कायम किया. 46.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुँचने वाले इस तापमान ने 1969 के बाद का सबसे गर्म दिन दर्ज किया. इस दिन का तापमान सामान्य से 4.8 डिग्री अधिक था, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि जैसलमेर इस समय देश के सबसे गर्म जिलों में से एक बन चुका है. इससे पहले सोमवार को पारा 46.2 डिग्री था, जो कि इस साल की सबसे अधिक गर्मी का आंकड़ा था.

गर्मी में लगातार बाहर रहना खतरे से खाली नहींः
जैसलमेर की गर्मी ने यहां के लोगों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित किया है. सड़कें इस कदर तप रही हैं कि उनके ऊपर चलना किसी चुल्हे पर चलने जैसा महसूस होता है. दोपहर के समय, बाजार और चौराहे सूने हो जाते हैं, और जो कुछ लोग बाहर दिखते हैं, वे भी जरूरी काम से ही घरों से बाहर निकलते हैं. पर्यटन स्थल जो हमेशा भीड़ से भरे रहते हैं, आजकल वहां सन्नाटा पसरा हुआ है. गर्म हवाओं के थपेड़े लोगों को घरों में रहने के लिए मजबूर कर रहे हैं. यही नहीं, सड़कों पर चलने वाले लोग भी अपनी सेहत को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि इस गर्मी में लगातार बाहर रहना खतरे से खाली नहीं है.

गाँवों में पानी की भारी किल्लतः
जैसलमेर की गर्मी का कहर सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि दूर-दराज़ के ग्रामीण इलाकों में भी हालात चिंताजनक हैं. गाँवों में पानी की भारी किल्लत हो रही है. हैंडपंप सूख चुके हैं, और महिलाएं दूर-दूर से पानी लाने को मजबूर हैं. खेतों में काम करना असंभव हो गया है, और पशुपालक भी अपने जानवरों को गर्मी से बचाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. वहीं शहरों में भी लोग बुरी तरह प्रभावित हैं. दिनभर बिजली की मांग बढ़ने से कटौती हो रही है. ऑटो चालकों, दुकानदारों और रेहड़ी वालों की हालत सबसे ज्यादा खराब है, जो रोज़ी-रोटी के लिए धूप में खड़े रहने को मजबूर हैं.

मौसम में बदलाव होने की संभावनाः
गर्मी के इस प्रकोप से निपटने के लिए जैसलमेर के लोग धीरे-धीरे अपनी दिनचर्या में बदलाव कर रहे हैं. हल्के रंग के सूती कपड़े पहने जा रहे हैं, पानी और हाइड्रेटिंग ड्रिंक्स का सेवन बढ़ा दिया गया है, और लोग खासकर दोपहर में घर से बाहर नहीं निकलते. गर्मी के इस दौर में यह जरूरी है कि लोग अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरतें. 1 मई से मौसम में बदलाव होने की संभावना है, और इसके बाद राहत मिल सकती है, लेकिन तब तक जैसलमेर में गर्मी का यह कड़ा सामना जारी रहेगा.”राजस्थान के रेगिस्तानी जिले जैसलमेर में इन दिनों गर्मी अपने चरम पर है. तापमान लगातार 45 डिग्री सेल्सियस के पार चल रहा है, और ऐसे में आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. तेज लू, जल संकट और बिजली की कटौती ने लोगों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है.

लोग घरों में कैद होकर रहने को मजबूरः
जैसलमेर की गलियों में दोपहर के वक्त सन्नाटा पसरा रहता है. लोग घरों में कैद होकर रहने को मजबूर हैं. मजदूरी, खेती और रोज़ाना के धंधों पर निर्भर लोग सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं. दिन के समय मजदूर खुले आसमान के नीचे काम नहीं कर पा रहे, जिससे उनकी रोजी-रोटी पर असर पड़ा है. छोटे दुकानदारों और रेहड़ीवालों के धंधे भी ठप पड़ गए हैं. गांवों में हालात और भी चिंताजनक हैं. पानी की भारी किल्लत हो रही है. हैंडपंप सूख चुके हैं, और कई इलाकों में टैंकरों के भरोसे ही पानी की आपूर्ति हो रही है. महिलाएं और बच्चे कई किलोमीटर दूर तक पानी लाने को मजबूर हैं. पानी के साथ-साथ बिजली की अनियमितता ने भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. अक्सर दोपहर और शाम को बिजली गुल हो जाती है, जिससे घरों में कूलर और पंखे भी बंद हो जाते हैं.

दिन के साथ-साथ रात के तापमान में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है. मंगलवार को रात का न्यूनतम तापमान 28.1 डिग्री तक पहुँच गया, जो कि इस समय के मौसम में असामान्य रूप से गर्म था. 12 दिन बाद जैसलमेर का रात का तापमान 28 डिग्री से अधिक रहा है, और इसका मतलब है कि रात में भी गर्मी का असर काफी तेज है. रात और दिन के तापमान में 18 डिग्री का अंतर देखा गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस समय जैसलमेर में पूरी तरह से एक गर्मी का प्रकोप जारी है.” यह ज़मीनी हकीकत इस बात का सबूत है कि जैसलमेर में गर्मी सिर्फ तापमान नहीं, बल्कि जीवन की हर धड़कन को प्रभावित कर रही है.”  स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट ज़ारी किया है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में पर्याप्त प्राथमिक उपचार की सुविधा नहीं होने से लोग खुद ही घरेलू उपायों से काम चला रहे हैं.जैसलमेर में गर्मी कोई नई बात नहीं, लेकिन इस बार की तीव्रता और लंबे समय तक लगातार तापमान में वृद्धि ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है. प्रशासन की ओर से राहत के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर अभी भी बड़ी चुनौतियाँ बनी हुई हैं.