VIDEO: JDA ने अप्पू घर का आवंटन निरस्त करने के बाद लिया भूमि का कब्जा, दिल्ली रोड पर दौलतपुरा में 300 एकड़ भूमि जेडीए ने की थी आवंटित, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजधानी में अप्पू घर के लिए आवंटित 300 एकड़ भूमि का आवंटन जयपुर विकास प्राधिकरण ने निरस्त कर दिया है. उसके बाद जेडीए अधिकारियों ने मौके पर जाकर भूमि का कब्जा भी ले लिया.

जयपुर विकास प्राधिकरण ने ग्राम दौलतपुरा तहसील आमेर में 300 एकड़ भूमि मेगा टूरिज्म सिटी विकसित करने के लिए इंटरनेशनल एम्यूजमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को 23 जनवरी 2008 को आवंटित की थी. भूमि का कब्जा पत्र 8 फरवरी 2008 को जेडीए ने जारी किया और भूमि की लीजडीड 31 मार्च 2008 को जारी की गई. इस कंपनी को आवंटन की शर्तों के मुताबिक इस भूमि पर मेगा टूरिज्म सिटी विकसित करनी थी. लेकिन ऐसा नहीं करने के चलते जयपुर विकास प्राधिकरण ने भूमि का आवंटन निरस्त कर दिया है. जेडीए के जोन के तहसीलदार के नेतृत्व में गए जेडीए अधिकारियों ने भूमि का कब्जा भी ले लिया. आपको सबसे पहले बताते हैं भूमि आवंटन की प्रमुख शर्तें क्या थी और किस तरह उनकी अवहेलना की गई.

-आवंटन की शर्त के अनुसार कंपनी को प्रोजेक्ट में न्यूनतम 400 करोड़ का निवेश करना था 
-कंपनी को प्रोजेक्ट में 3 साल के अंदर 1500 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराना था 
-प्रमोटर कंपनी को प्रोजेक्ट में अपनी 51% इक्विटी रखनी थी 
-आवंटन पत्र जारी होने के तिथि से 6 महीने के अंदर कंपनी को मौके पर निर्माण शुरू करना था 
-जेडीए की ओर से स्वीकृत मानचित्र के अनुसार निर्माण शुरू करना था 
-और यह निर्माण 5 साल में पूरा करना था 
-आवंटन की शर्तों में यह भी उल्लेखित है कि
-अगर किसी भी शर्त की अवहेलना कंपनी की ओर से की जाती है 
-तो जेडीए भूमि का आवंटन निरस्त कर सकता है 
-इसके बावजूद कंपनी की ओर से निर्धारित अवधि में निर्माण नहीं किया गया 
-जबकि कंपनी के आवेदन पर राज्य सरकार के स्तर पर निर्माण अवधि दो बार बढ़ाई गई 
-20 नवंबर 2013 को निर्माण अवधि 31 मार्च 2018 तक 
-और 14 नवंबर 2017 को फिर से 31 मार्च 2021 तक के लिए निर्माण अवधि बढ़ाई गई 
-जेडीए अधिकारियों ने 6 अक्टूबर 2022 और 22 मई 2024 को भूमि का मौका निरीक्षण किया 
-इस दौरान पता चला कि मौके पर आवंटन की शर्तों की पालना नहीं की गई है 
-ना तो 400 करोड़ का प्रोजेक्ट में निवेश किया गया है 
-और ना ही 1500 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है 
-निर्माण में दो बार शिथिलता देने के बावजूद आवंटन के अनुसार निर्माण नहीं किया गया है
-आवंटन की शर्तों की आवेला करते हुए यहां बिना स्वीकृति एडवेंचर पार्क का किया जा रहा था संचालन 

केंद्र सरकार के प्रवर्तन निदेशालय की ओर से एक प्रकरण में जेडीए की ओर से आवंटित इस भूमि को अटैच कर लिया गया. मामले में ED की एंट्री के चलते जेडीए ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा. आपको बताते हैं इसके बाद मामला किस तरह से आगे बढ़ा.

-राज्य सरकार को मार्गदर्शन के लिए पत्र भेजने के साथ ही जेडीए ने कंपनी को नोटिस जारी किया 
-14 मई 2024 को जेडीए ने  आवंटन की शर्तों की पालना नहीं होने पर कंपनी को नोटिस दिया 
-कंपनी ने जवाब में खुद स्वीकार किया कि मौके पर आवंटन के अनुसार निर्माण नहीं किया गया है 
-लेकिन आवंटन की अन्य शर्तों की पालना नहीं करने का कोई कारण नहीं बताया गया 
-राज्य सरकार ने 1 फरवरी 2025 को जेडीए को जवाब भेजा 
-राज्य सरकार ने जेडीए को कहा कि वह निदेशक विधि से मामले में राय लेकर कार्यवाही करें 
-निदेशक विधि ने अपने विधिक राय में कहा कि भूमि का आवंटन निरस्त करने में नहीं है कोई रोक  
-इस विधिक राय के बाद जेडीए ने आखिरकार भूमि का आवंटन निरस्त कर दिया
-इसके बाद जेडीए अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची और भूमि पर विभिन्न स्थानों पर जेडीए संपत्ति के बोर्ड लगाए 
-कब्जा लेने के लिए कब्जा फर्द तैयार किया गया
-यहां अवैध रूप से चल रहे एडवेंचर पार्क की गतिविधि को बंद कराया