मुंबई: परानुभूति फाउंडेशन ने अंधत्व की रोकथाम और नेत्र स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष नेत्र सेवा अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत वसई-विरार और पालघर जिले के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. आज की व्यस्त जीवनशैली में लोग अपने स्वास्थ्य, खासकर नेत्र स्वास्थ्य की उपेक्षा कर रहे हैं, जिससे अंधत्व का खतरा बढ़ रहा है. इसी समस्या के समाधान के लिए परानुभूति फाउंडेशन और आयडियल क्युअर्स प्राइवेट लिमिटेड के संयुक्त प्रयास से यह अभियान संचालित किया जा रहा है.
गरीब और जरूरतमंदों के लिए मुफ्त नेत्र चिकित्सा सुविधा :
इस अभियान के अंतर्गत गरीब, पिछड़े, आदिवासी और दुर्गम क्षेत्रों के लोगों को नेत्र जांच, मार्गदर्शन और आवश्यक उपचार प्रदान किए जा रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा सेवाओं की भारी कमी के चलते, परानुभूति फाउंडेशन ने ऐसे क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है. इस पहल के तहत, जरूरतमंदों को मुफ्त नेत्र जांच, चश्मे, मोतीबिंदु सर्जरी और दवाएं दी जा रही हैं.
इस अभियान से जुड़े प्रमुख लोग और संस्थाएं :
इस परियोजना का संचालन परानुभूति फाउंडेशन के संस्थापक एवम नेत्र सर्जन - डॉ. गणेश मुंजवाल, परानुभूति फाउंडेशन के संस्थापक एवम जनरल फिजिशियन - डॉ. प्रविण तळेले, मुख्य समन्वयक - राहुल समिंद्रे, नेत्र विशेषज्ञ - शीला समिंद्रे के नेतृत्व में किया जा रहा है. साथ ही, इस अभियान में परानुभूति फाउंडेशन के कार्यकारी संचालक - डॉ. भूषण जाधव, प्रकल्प संचालक - मंगेश राय, अशिती जोईल और कई स्वयंसेवकों का भी योगदान है.
रागिनी यादव, चंदन कांबले, पूजा सोनावणे, किरण मोहंती, क्रुनाली फडवाले, प्रार्थना पेंढारी, जे.बी. सिंह, डॉ. हरीश नागांवकर और जयेश वीर जैसे कई स्वयंसेवकों ने इस मिशन में बहुमूल्य योगदान दिया है. साथ ही, बरफेश्वर तालाब उद्यान प्रमुख - शरद पाटिल, ओंकार अंध एवं विकलांग संगठन प्रमुख - सुरेश पवार, रॉबिन हुड आर्मी प्रमुख - हिमांशु धांडे और इम्तियाज अली, जिला परिषद स्कूल वाघराल पाडा शिक्षिका - कल्याणी मैडम, फीनिक्स फार्म प्रमुख - मुरली नारायण का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ.
अभियान के मुख्य उद्देश्य और सेवाएं:
परानुभूति फाउंडेशन ने अनेक नेत्र जांच शिविर और मोतीबिंदु सर्जरी करने का लक्ष्य रखा है. इस अभियान के तहत प्रदान की जाने वाली प्रमुख सेवाएं इस प्रकार हैं:
1. मुफ्त चश्मों का वितरण
2. मुफ्त मोतीबिंदु सर्जरी
3. नेत्र विशेषज्ञों द्वारा जांच और उपचार
4. नेत्र रोगों की जागरूकता और काउंसलिंग
5. सर्जरी के बाद की देखभाल और परामर्श
शिविरों की योजना और क्रियान्वयन:
मार्च और अप्रैल 2025 से हर सप्ताह नेत्र जांच शिविर आयोजित किए जाएंगे. ये शिविर वसई-विरार और पालघर जिले के दूरस्थ और जरूरतमंद इलाकों में लगाए जाएंगे, जिससे हज़ारो लोग इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे. इस अभियान में बच्चों, युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता दी जा रही है. विशेष जरूरतमंद मरीजों को उन्नत उपचार के लिए उच्च चिकित्सा केंद्रों में भी भेजा जाएगा.
समाज के लिए एक प्रेरणादायक प्रयास:
यह अभियान अंधत्व को रोकने और नेत्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है. इस पहल के माध्यम से वंचित और जरूरतमंद नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. परानुभूति फाउंडेशन ने समाज से इस अभियान में योगदान देने और स्वयंसेवक के रूप में जुड़ने की अपील की है. यह पहल नेत्र स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक मिसाल कायम कर रही है और भविष्य में भी ऐसी सेवाएं जारी रखने का संकल्प लिया गया है. आप भी इस नेक पहल का हिस्सा बन सकते हैं -आर्थिक सहायता करें या स्वयंसेवक के रूप में योगदान दें!
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