जयपुर: राजस्थान की ऐतिहासिक विरासत, समृद्ध संस्कृति और आधुनिक पर्यटन सुविधाओं को वैश्विक मंच पर स्थापित करने की दिशा में ग्रेट इंडियन ट्रैवल बाजार (GITB) 2025 एक ऐतिहासिक पहल बनकर उभर रही है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का मार्गदर्शन और उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के विजन से यह आयोजन राजस्थान पर्यटन के लिए "गेम चेंजर" साबित होगा, जो राज्य को अंतरराष्ट्रीय इनबाउंड टूरिज्म में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा. GITB का आयोजन न केवल एक प्रदर्शनी है, बल्कि यह राज्य की पर्यटन रणनीति का केंद्र बिंदु बन गया है. इसमें 55 देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं, जिससे राजस्थान को विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद के रूप में स्थापित करने में सहायता मिलेगी.
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी की माने तो “राजस्थान अब केवल एक पारंपरिक पर्यटन स्थल नहीं रहा, यह एक वैश्विक MICE हब बनकर उभर रहा है. ग्रेट इंडियन ट्रैवल बाजार हमारे विज़न - समृद्ध विरासत के साथ समृद्ध भविष्य – की दिशा में ठोस कदम है.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रदेश सरकार ने पर्यटन क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नीतिगत सुधार किए हैं और बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है. यह आयोजन राजस्थान के पर्यटन की ब्रांडिंग और मार्केटिंग का सबसे प्रभावी मंच बन गया है. GITB जैसे आयोजन हमारे राज्य को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिला रहे हैं. हमारा फोकस सिर्फ इनबाउंड टूरिज्म तक सीमित नहीं, बल्कि हम राजस्थान को कॉर्पोरेट, वैडिंग और MICE टूरिज्म का केंद्र बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं.
राजस्थान पर्यटन पर प्रभाव:
अंतरराष्ट्रीय दृश्यता में इज़ाफा: 55 देशों के टूर ऑपरेटर्स और मीडिया प्रतिनिधियों की मौजूदगी से राजस्थान की वैश्विक दृश्यता बढ़ेगी. इससे आने वाले वर्षों में विदेशी पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि संभावित है.
MICE पर्यटन को प्रोत्साहन: जयपुर, जोधपुर और उदयपुर जैसे शहरों में विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर और लग्ज़री होटल्स की मौजूदगी GITB को MICE टूरिज्म के लिए आदर्श बनाती है. नोवाटेल में आयोजित 'मीट इन इंडिया कॉन्क्लेव' इस दिशा में बड़ा संकेत है.
बुनियादी ढांचे में निवेश को मिलेगा बढ़ावा: इस आयोजन से प्रेरित होकर निवेशक और होटल चेन राज्य में नई परियोजनाएं शुरू कर सकते हैं, जिससे स्थानीय रोजगार में भी इज़ाफा होगा.
स्थानीय पर्यटन कारोबारियों को मिलेगा सीधा लाभ: B2B मीटिंग्स के ज़रिए राज्य के टूर ऑपरेटर्स, ट्रैवल एजेंट्स और होटल व्यवसायियों को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से जुड़ने का मौका मिलेगा. इससे उनकी आय और व्यवसायिक नेटवर्क में वृद्धि होगी.
सांस्कृतिक पर्यटन को मिलेगा बल: आयोजन के दौरान राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत, लोककला, हस्तशिल्प और पारंपरिक खानपान को प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे ग्रामीण और सांस्कृतिक पर्यटन को भी नई ऊर्जा मिलेगी.
राज्य के ट्रैवल ट्रेड सेक्टर ने भी GITB के आयोजन का खुले दिल से स्वागत किया है. जयपुर ट्रैवल ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि “ऐसे आयोजन हमें अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जोड़ते हैं और हमारे उत्पादों को वैश्विक मंच देते हैं. इससे सीधा व्यापारिक लाभ होता है और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है. इस आयोजन में फिक्की, केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय और राज्य सरकार की त्रिपक्षीय साझेदारी ने यह साबित कर दिया है कि जब नीति और निजी क्षेत्र साथ मिलते हैं, तो बड़े परिणाम संभव हैं.
फिक्की द्वारा जारी की गई रिपोर्ट 'हाउ टू ग्रो इनबाउंड टूरिज्म इन इंडिया' भारत को दीर्घकालिक पर्यटन रणनीति की दिशा में मार्गदर्शन देगी. ग्रेट इंडियन ट्रैवल बाजार और मीट इन इंडिया कॉन्क्लेव न केवल राजस्थान के पर्यटन विकास की नई कहानी लिख रहे हैं, बल्कि वे यह भी दर्शा रहे हैं कि कैसे एक राज्य अपनी विरासत, संस्कृति और आधुनिकता का समन्वय करते हुए वैश्विक मानचित्र पर नेतृत्व कर सकता है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी की नेतृत्व क्षमता के साथ-साथ ट्रैवल ट्रेड की सक्रिय भागीदारी इस आयोजन को राजस्थान के पर्यटन इतिहास में मील का पत्थर बना रहे हैं.