जयपुर: 14 मार्च 2025 साल का पहला चंद्र ग्रहण लगा और इसके ठीक 15 दिन बाद यानी 29 मार्च 2025 को चैत्र अमावस्या के दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा.29 मार्च 2025 को होने वाला सूर्य ग्रहण मीन राशि और उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में घटित होगा.इस दौरान, सूर्य, राहु, शुक्र, बुध और चंद्रमा सभी मीन राशि में स्थित होंगे, जो इस ग्रहण के प्रभाव को और भी अधिक महत्वपूर्ण बना देंगे.पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को लगेगा.यह आंशिक सूर्य ग्रहण और रात को लगने के कारण भारत में दिखाई नहीं देगा.पहला सूर्य ग्रहण यूरोप, रूस और अफ्रीका में दिखाई देगा.यह ग्रहण मीन राशि और उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में घटित होगा.इस दौरान सूर्य, राहु, शुक्र, बुध और चंद्रमा सभी मीन राशि में स्थित होंगे, जिससे इस खगोलीय घटना का ज्योतिषीय महत्व और बढ़ जाएगा.दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को लगेगा और यह भी भारत में नहीं दिखेगा.यह भी आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और न्यूजीलैंड, पैसिफिक व अंटार्कटिका में दिखाई देगा.
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि साल 2025 में चार ग्रहण होंगे.साल 2025 में भी चार ग्रहण देखने को मिलेंगे.इनमें से दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे.ज्योतिष शास्त्र में सूर्य एवं चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है.इस दौरान शुभ कार्य और पूजा-पाठ करने की मनाही होती है.लापरवाही करने या बरतने से शारीरिक और मानसिक सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात्रि में लगेगा, जो आश्विन मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन रात 22:59 बजे से शुरू होकर 22 सितंबर की सुबह 03:23 बजे तक प्रभावी रहेगा.इस पूर्ण ग्रहण को न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी भागों में देखा जा सकेगा.यह ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसका धार्मिक प्रभाव भी नहीं होगा और न ही इसका सूतक काल मान्य होगा.साल का दूसरा ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में आकार लेगा.
29 मार्च को पहला सूर्य ग्रहण ( पूर्ण सूर्य ग्रहण )
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को चैत्र मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन लगेगा.यह पूर्ण ग्रहण दोपहर 02:21 बजे से शाम 06:14 बजे तक रहेगा.यह विशेष रूप से बरमूडा, बारबाडोस, डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, उत्तरी ब्राज़ील, फिनलैंड, जर्मनी, फ्रांस, हंगरी, आयरलैंड, मोरक्को, ग्रीनलैंड, कनाडा का पूर्वी भाग, लिथुआनिया, हॉलैंड, पुर्तगाल, उत्तरी रूस, स्पेन, सूरीनाम, स्वीडन, पोलैंड, पुर्तगाल, नॉर्वे, यूक्रेन, स्विट्जरलैंड, इंग्लैंड और अमेरिका के पूर्वी क्षेत्र, आदि में देखा जा सकेगा.यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका कोई धार्मिक प्रभाव नहीं माना जाएगा.साथ ही इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.इस दौरान मीन राशि और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में ग्रहों का विशेष संयोग बनेगा.इस दिन मीन राशि में सूर्य और राहु के अतिरिक्त शुक्र, बुध और चंद्रमा उपस्थित होंगे.इससे द्वादश भाव में शनि विराजमान होंगे.इससे तीसरे भाव में वृषभ राशि में बृहस्पति, चौथे भाव में मिथुन राशि में मंगल और सप्तम भाव में कन्या राशि में केतु स्थित होंगे.पांच ग्रहों का प्रभाव एक साथ होने के कारण इस ग्रहण का राशियों पर बहुत गहरा प्रभाव देखने को मिल स कता है.
भारत में दिखाई नहीं देगा सूर्य ग्रहण:
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा.चूंकि यह खगोलीय घटना भारतीय समयानुसार घटित नहीं होगी, इसलिए भारत में इस ग्रहण का कोई धार्मिक या ज्योतिषीय प्रभाव नहीं माना जाएगा.यही कारण है कि भारत में इस ग्रहण के लिए सूतक काल मान्य नहीं होगा.
कहां नजर आएगा साल का पहला सूर्यग्रहण:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि साल का पहला सूर्य ग्रहण बरमूडा, उत्तरी ब्राज़ील, फिनलैंड, जर्मनी, फ्रांस, हंगरी, आयरलैंड, ऑस्ट्रिया, उत्तरी रूस, स्पेन, बेल्जियम, कनाडा का पूर्वी हिस्सा, सूरीनाम, मोरक्को, ग्रीनलैंड, स्वीडन, बारबाडोस, डेनमार्क, लिथुआनिया, हॉलैंड, पुर्तगाल, पोलैंड, नॉर्वे, यूक्रेन, स्विट्जरलैंड, इंग्लैंड और अमेरिका के पूर्वी क्षेत्रों में दिखाई देगा.
ग्रहण का समय और अवधि:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस सूर्य ग्रहण का भारतीय समयानुसार 2:21 बजे पर आरंभ होगा और 6:14 बजे पर समाप्त होगा.यह ग्रहण कुल 3 घंटे 53 मिनट की अवधि तक रहेगा.हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा और ना ही इसका सूतक काल मान्य होगा.
शनि गोचर और सूर्य ग्रहण:
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि 29 मार्च 2025 को सूर्य ग्रहण के साथ-साथ एक और महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना हो रही है शनि का गोचर.शनि, जो कुंभ राशि में स्थित थे, मीन राशि में प्रवेश करेंगे.यह विशेष संयोग है, क्योंकि शनि का मीन राशि में प्रवेश 100 वर्षों बाद हो रहा है.शनि के मीन राशि में प्रवेश के कारण यह समय धनु, मिथुन और कर्क राशि के जातकों के लिए बहुत शुभ रहेगा.यह गोचर इन राशियों के जातकों के लिए एक नए अध्याय का आरंभ होगा, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएगा.शनि 3 जून 2027 तक मीन राशि में रहेंगे, जो इन राशियों के लिए एक दीर्घकालिक लाभकारी स्थिति हो सकती है.
प्राकृतिक आपदाओं की आशंका:
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि चार ग्रहणों की वजह से प्राकृतिक आपदाओं का समय से ज्यादा प्रकोप देखने को मिलेगा.इसमें भूकंप, बाढ़, सुनामी, विमान दुर्घटनाएं का संकेत मिल रहे हैं.प्राकृतिक आपदा में जनहानि कम ही होने की संभावना है.फिल्म एवं राजनीति से दुखद समाचार.व्यापार में तेजी आएगी.बीमारियों में कमी आएगी.रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.आय में इजाफा होगा.