VIDEO: बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने की हुई शुरूआत, सबसे पहले सीकर रोड से की गई शुरूआत, देखिए ये खास रिपोर्ट  

जयपुर: राजस्थान राजधानी जयपुर में बस रेपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) कॉरिडोर को हटाने का काम शनिवार से सीकर रोड पर शुरू किया गया. आगामी दो महीने में यहां कॉरिडोर हटाकर मीडियन व सड़क निर्माण का काम पूरा कर लिया है. केंद्र में यूपीए सरकार के समय जवाहरलाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत 170 करोड़ रुपए की लागत से सीकर रोड,अजमेर रोड और न्यू सांगानेर रोड पर बीआरटीएस कोरिडोर का निर्माण किया गया था. हालांकि जेएनएनयूआरएम के तहत राजधानी में बीआरटीएस कोरिडोर के लिए 479.55 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी लेकिन इस राशि से अजमेर रोड और टोंक रोड पर दुर्गापुरा में एलिवेटेड रोड का भी निर्माण किया गया था.  राजधानी में यह सिस्टम आखिर फेल क्यों हुआ-

आखिर क्यों फेल हुआ यह सिस्टम?
आखिर हटना ही था बीआरटीएस:

-बीआरटीएस का उद्देश्य शहरी सार्वजनिक परिवहन की बसों के लिए अलग कॉरिडोर उपलब्ध कराना था
-ताकि इसमें सफर करने वाले लोग अन्य वाहनों की अपेक्षा अधिक तीव्र गति और कम समय में गंतव्य तक पहुंच सके
-इस योजना का पीछे अहम उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन को सुदृढ़ करते हुए सड़क पर यातायात का भार कम करना था
-लेकिन राजधानी में जिस तरह बीआरटीएस स्थापित किया गया था
-उस तरह तो यह सिस्टम फेल होना ही था
-राजधानी में अलग-अलग स्थानों पर बीआरटीएस कोरिडोर बनाए गए
-ये कोरिडोर ना तो अधिक दूरी तक कन्टयूनेशन में थे और
-ना हीं इन कोरिडोर का आपस में कोई लिंक था
-ऐसा नहीं होने के कारण लंबी दूरी के लिए जो यात्री मिलने चाहिए
-वे यात्री बीआरटीएस कोरिडोर में चलने वाली बसों को नहीं मिल पाए
-इन कोरिडोर के पिक अप या ड्रॉप पाइंट के आस-पास ऐसी कोई व्यवस्था विकसित नहीं की गई
-ऐसी कोई बस,ऑटो रिक्शा या अन्य सार्वजनिक परिवहन की नहीं विकसित की गई व्यवस्था
-जिसका उपयोग कर कोरिडोर तक आने वाला या यहां उतरने वाले यात्री आसानी से गंतव्य स्थान तक पहुंच सके
-इस सिस्टम के फेल होने का तीसरा बड़ा कारण पर्याप्त संख्या में यात्री भार नहीं मिलना भी रहा
-ये कोरिडोर जहां बनाए गए, वहां ऐसा कोई बड़ा शैक्षणिक संस्थान,कॉलेज,विश्वविद्यालय या बड़ा स्कूल नहीं था
-जहां कन्ट्यूनिटी में कोरिडोर निर्मित हो,जिससे कि यहां से आवागमन करने वाले यात्री कोरिडोर का उपयोग कर सके
-इसी तरह सचिवालय,कलेक्ट्रेट या अदालत आदि जैसे सरकारी संस्थान इस कोरिडोर की कनेक्टिविटी में नहीं थे
-ऐसा होता तो इन सरकारी संस्थानों के कार्मिकों का यात्री भार भी कोरिडोर को मिलता
-ये कोरिडोर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन या किसी बड़े बस स्टैण्ड के नजदीक नहीं बनाए गए
-जहां से यहां बड़ी संख्या में आवागमन करने वाले यात्री इस सुविधा का उपयोग कर पाते
-इसी तरह किसी प्रसिद्ध पर्यटक स्थल या किसी बड़े धार्मिक स्थल के आसपास भी ये कोरिडोर नहीं थे
-जिनके कारण यहां जाने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं को इस सुविधा का लाभ मिल पाता
-जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की ओर से इस कोरिडोर पर पर्याप्त संख्या में बसें नहीं चलाई गई
-वाकई एक बीआरटीएस व्यवस्था में यात्रियों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए
-जैसे कि पैदल चलने वालों की सुविधा,यात्रियों के लिए ऑफ बोर्ड टिकटिंग की सुविधा,इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनजेमेंट सिस्टम
-और पूरे सिस्टम के लिए कंट्रोल रूम आदि जेसीटीएसएल की ओर से विकसित नहीं किए गए
-सड़क की जगह घिरने और अन्य वाहन के लिए कम स्थान उपलब्ध होने के चलते इस सिस्टम की आलोचना होने लगी
-इस सिस्टम में पहले से ही ऐसे तमाम कारण मौजूद थे,जिसके चलते यह सिस्टम राजधानी में फेल हो गया
-यही कारण रहा कि कोरिडोर बनने के शुरूआती कुछ महीने तो बसों का आवागमन हुआ
-लेकिन साल भर होते-होते यह ये कोरिडोर सुविधा के बजाए परेशानी का सबब बन गए

मौजूदा सरकार में केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संगठन (सीआरआरआई) से बीआरटीएस को लेकर स्टडी कराई गई. सीआरआरआई ने स्टडी रिपोर्ट जेडीए को सौंप दी. इस रिपोर्ट के आधार पर ही फैसला किया जाना था कि बीआरटीएस कोरिडोर हटाया जाए या नहीं. सीआरआरआई की रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया था कि या तो मौजूदा कोरिडोर को हटा दिया जाए या फिर इस सिस्टम को पूरी तरह से लागू किया जाए. जेडीए की कार्यकारी समिति की इस वर्ष 7 जनवरी की बैठक में बीआरटीएस कोरिडोर हटाने का फैसला किया गया. इस फैसले पर राज्य सरकार ने अपनी स्वीकृति दे दी. बीआरटीएस कोरिडोर हटाने की शुरूआत सीकर रोड से की गई है. आपको बताते हैं कि यहां किस तरह कोरिडोर हटाया जाएगा.

किस तरह कॉरिडोर हटाया जाएगा?
-सीकर रोड से बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने की आज से शुरूआत की गई
-सी जोन बायपास पर सीकर रोड जंक्शन पर एनएचएआई की ओर से अंडरपास बनाया जाना है
-इसके लिए एनएचएआई जेडीए से रोड नंबर 14 से रोड नंबर 12 के बीच कोरिडोर हटाने की मांग कर रहा था
-इसी के चलते आज रोड नंबर 12 से रोड नंबर 9 के बीच कोरिडोर हटाने की शुरूआत की गई
-इसके बाद रोड नंबर 14 तक बना बीआरटीएस कोरिडोर हटाया जाएगा
-आज जेडीए की ओर से अंदर की तरफ कोरिडोर हटाने की शुरूआत की गई
-यहां पर भूमिगत जा रही बिजली,पेयजल,सीवरेज या टेलीकॉम लाइनों का पता किया जा रहा है
-इन लाइनों की शिफ्टिंग के बाद जेडीए कोरिडोर पर चढ़ी डामर की परत को मिलिंग से हटाएगा
-इसके बाद 3.80 मीटर चौड़ा मीडियन यहां संभावित मेट्रो कोरिडोर की पाइलिंग को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा
-मीडियन बनने के बाद इसके दोनों तरफ सड़क पर डामरीकरण किया जाएगा
-करीब दो महीने बाद सीकर रोड दुबारा से आम वाहनों के लिए आठ लेनी चौड़ी उपलब्ध होगी
-जेडीए का लक्ष्य है कि मानसून से पहले 15 या 20 जून तक यह काम खत्म कर लिया जाए
-अजमेर रोड स्थित कोरिडोर को हटाने के लिए जेडीए ने निविदा जारी कर दी है
-न्यू सांगानेर रोड स्थित कोरिडोर हटाने के लिए जल्द ही जेडीए निविदा जारी करेगा
-इन तीनों स्थानों पर कोरिडोर हटाने व सड़क के डामरीकरण पर पच्चीस से तीस करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है