पावटा में 108 कुण्डीय महामृत्युंजय रूद्र महायज्ञ में पूर्णाहुति कार्यक्रम; अमित शाह बोले- अनेक ऋषियों का प्रादुर्भाव भारत में हुआ

कोटपूतली: कोटपूतली के पावटा में बाबा बालनाथ आश्रम में 108 कुण्डीय महामृत्युंजय रूद्र महायज्ञ में पूर्णाहुति कार्यक्रम को गृह मंत्री अमित शाह ने सोंबोधित किया. इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत जय श्रीराम के जयकारे के साथ शुरू की. और सनातन धर्म के सभी अनुयायियों  को प्रणाम किया.

उन्होंने कहा कि बाबा बस्तीनाथ ने यज्ञ के माध्यम से 1 साल तक सभी को जोड़ा है. 108 कुंडीय महायज्ञ का आज समापन हो रहा है. हर 5 दिन में 1 जोड़ा प्रकृति के संरक्षण आत्मशुद्धि और सनातन के लिए काम किया. मैं समाजों के कार्यक्रमों से हमेशा जुड़ा रहा हूं. लेकिन प्रकृति का संरक्षण और सनातन को जोड़ने का ऐसा प्रयास कभी नहीं देखा. 16 साल से बाबा बस्तीनाथ यज्ञ करवा रहे हैं. इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के लिए महाराज का आभार.

अनेक ऋषियों का प्रादुर्भाव भारत में हुआ: अमित शाह
मेरे मित्र केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और सभा में सनातन धर्म के सभी अनुयायियों को मेरा प्रणाम. बाबा बस्तीनाथ ने महान प्रयास किया है. यज्ञ के माध्यम से हर धर्म, हर जाति को सनातन के महायज्ञ से जोड़ा है. आज नवमी हैं, मां सिद्धिदात्री की पूजा के दिन प्रसादी के तौर पर श्री यंत्र दिया.  इसलिए सभी को बहुत बहुत धन्यवाद. 108 कुण्डीय यज्ञ इसी धरती पर पिछली रामनवमी पर शुरू हुआ.  हर 5 दिन में 1 जोड़ा प्रकृति के संरक्षण आत्मशुद्धि और सनातन के लिए काम किया. 16 साल से बाबा बस्तीनाथ यज्ञ करवा रहे है. एक महान योगी ने इसकी शुरूआत की और बाबा बस्तीनाथ इसे आगे बढ़ा रहे है. अनेक ऋषियों का प्रादुर्भाव भारत में हुआ. महाराज श्री बालनाथ आश्रम विदेशों से लेकर 48 स्थानों पर लोगों की सेवा में जुटा है.

अमित शाह जी ने देश को मजबूत सुरक्षा दी: भजनलाल शर्मा
इससे पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह जी ने देश को मजबूत सुरक्षा दी है. महाराज बस्तीनाथ ने समरसता का बड़ा संदेश दिया हैं. आने वाली पीढ़ी को बाल नाथ महाराज ने नई दिशा दी है. प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के विजन की मुक्तकंठ से सराहना की. 

वहीं बाबा बस्तीनाथ महाराज ने कहा कि अमित शाह सरदार पटेल की छवि को सार्थक करने वाले नेता हैं. वहीं  भूपेंद्र यादव नवरत्नों में श्रेष्ठ रत्न है. वह शांत प्रवृत्ति से अपने काम मे लगे रहते हैं. पहली बार 365 दिन के लिए यज्ञ चला है जो पहली बार है. यज्ञ में सभी हिंदू जातियों के लोगों ने आहुतियां दी है. एक पति पत्नी की जोड़ी ने लगातार पांच दिन तक यहां रहकर दी आहुतियां है.