जयपुरः परिवहन विभाग की ओर से जल्दी ही ई-डिटेक्शन प्रणाली के जरिए वाहनों पर कार्यवाही की तैयारी की जा रही है. इसके तहत अगर आपके वाहन का फिटनेस, बीमा, परमिट सहित अन्य दस्तावेज अधूरे हैं तो आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर चालान की सूचना जाएगी.
ट्रैफिक पुलिस की तर्ज पर अब प्रदेश का परिवहन विभाग भी वाहनों के ऑनलाइन चालान करेगा, वाहनों पर अब ऑनलाइन ही जुर्माना किया जाएगा. लेकिन विभाग की इस नई व्यवस्था में रिकॉर्ड में मोाबइल नंबर नहीं होना आड़े आ रहे हैं. अधिकतर वाहन चालकों के मोबाइल नंबर आरटीओ के रिकॉर्ड में नहीं है. उनकी जगह एजेंट के नंबर अपलोड हैं. मोबाइल नंबर नहीं होने की स्थिति में चालक के पास ऑनलाइन चालान नहीं जाएगा. ई-डिटेक्शन प्रणाली का उपयोग नहीं होगा. इसको देखते हुए अब आरटीओ जयपुर प्रथम की ओर से नंबर अपलोड करने का अभियान शुरू किया गया है. वाहन चालक आरटीओ ऑॅफिस में आकर वाहन के रिकॉर्ड में अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर अपलोड कर सकते हैं. जयपुर में 18 हजार वाहन चालक ऐसे हैं जिनके वाहन की आरसी लॉक होने का उन्हें पता नहीं चला. इनकी आरसी यातायात नियमों की पालना नहीं करने या फिर अन्य मामलों में लॉक की गई थी. लेकिन जानकारी नहीं मिलने के कारण वाहन चालकों ने अपना चालान तक नहीं भर पाए. आरटीओ की ओर से ऐसे भी वाहन चालकों का डेटा जुटाया जा रहा है.
परिवहन विभाग ने ई-डिटेक्शन के लिए बाक़ी सभी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं इसी महीने में इस व्यवस्था को शुरू करने की योजना है संभावना है कि CM और डिप्टी CM प्रेमचंद बैरवा के स्तर पर इस योजना का शुभारंभ किया जाएगा, आरटीओ जयपुर प्रथम राजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि ई-डिटेक्शन प्रणाली के जरिए वाहनों पर प्रवर्तन की कार्यवाही शुरू होने के बाद विभाग को जहां राजस्व बढ़ेगा. वहीं, प्रवर्तन की कार्यवाही के दौरान होने वाले हादसे थमेंगे. वर्तमान में दस्तावेजों की वैधता के भौतिक रूप से कार्यवाही किए जाने से यातायात के बाधित होता है. इसके अलावा सड़क दुर्घटना होने और वाहनों की कम संख्या में जांच हो पाती है. ई-डिटेक्शन की ओर से यह दिक्कतें दूर हो सकेंगी.
ऐसे होगी नई-डिटेक्शन व्यवस्था
ई-डिटेक्शन में राज्य में स्थित एन.एच.ए.आई के समस्त टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों की सूचना ली जाएगी.
उसको विभागीय पोर्टल पर उपलब्ध दस्तावेजों की वैधता से मिलान कर नियमों के उल्लंघन के अपराध पर कार्यवाही की जाएगी
इस संबंध में परिवहन विभाग सड़क एवं परिवहन मंत्रालय और एनएचएआई से समन्वय कर रहा है
NHAI से परिवहन विभाग को सहमती मिल गई है