नई दिल्लीः जलवायु परिवर्तन से सबसे ताकतवर महासागरीय धाराएं धीमी पड़ गई है. अंटार्कटिक सर्कम पोलर करंट प्रति सेकंड 17.3 करोड़ घन मीटर पानी ले जाता है. वर्ष 2025 तक यह धारा 20फीसदी तक कम हो जाएगी.
यह पूरे अंटार्कटिक क्षेत्र के लिए खतरे की घंटी है. वैज्ञानिकों के अनुसार इससे दुष्चक्र शुरू होगा. और तेजी से बर्फ पिघलेगी, इससे समुद्र का जलस्तर बढ़ेगा. साथ ही पूरे विश्व के तापमान में बढ़ोतरी होगी.
ACC की धारा खाड़ी की धारा से 4 गुना अधिक ताकतवर है. यह महासागरीय कन्वेयर बेल्ट का काम करती है. यह पूरे ग्रह के ही जल,उष्मा और पोषकों का संतुलन बनाती है.