जयपुर: जयपुर में सीरियल बम ब्लास्ट केस में चारों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. बम ब्लास्ट मामलों की विशेष अदालत ने सजा सुनाई. जज रमेश कुमार जोशी ने सजा सुनाई. शाहबाज हुसैन, सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ और सैफुर्रहमान को सजा सुनाई. आपको बता दें कि जयपुर बम ब्लास्ट के दौरान मिले जिंदा बम मामले में सजा का ऐलान किया गया. सजा के ऐलान से पहले एक बार फिर सजा के बिंदु पर बहस हुई. बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने भुगती हुई सजा के आधार सजा कम करने का अनुरोध किया. एक बार फिर राज्य सरकार के अधिवक्ता ने विरोध किया. बम ब्लास्ट मामलों की विशेष अदालत के जज रमेश कुमार जोशी ने फैसला सुनाया. सजा के ऐलान के लिए चार दोषियों को अदालत में लाया गया. शाहबाज हुसैन, सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ और सैफुर्रहमान को सजा सुनाई गई.
इससे पहले जयपुर बम ब्लास्ट मामले में दोषियों की सजा का फैसला सुरक्षित रख लिया था. बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने धारा 428 के तहत सजा कम करने का अनुरोध करते हुए कहा कि अब तक मामले के दोषी 15 साल से अधिक सजा भुगत चुके हैं. ऐसे में भुगती हुई सजा के आधार पर कम से कम सजा दी जाए. विशेष लोक अभियोजक सागर तिवारी ने बचाव पक्ष की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि दोषियों के कृत्य पर किसी तरह की राहत देने की संभावनाएं नहीं है. समाज में सख्त संदेश देने के लिए जरूरी है दोषियों को अधिकतम सजा जरूरी है. विशेष लोक अभियोजक ने शेष प्राकृतिक जीवन तक जेल में रखने की मांग की.
आपको बता दें कि 13 मई 2008 को जयपुर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट से जुड़े प्रकरण में सजा सुनाई गई. चांदपोल में रामचंद्र मंदिर के पास मिले जिंदा बम से जुड़ा मामला है. चारों आरोपियों की सजा के बिंदु पर कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में चारों आरोपियों को कोर्ट में सजा सुनाई. शाहबाज हुसैन, मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ सहित मोहम्मद सैफुर्रहमान को मामले में सजा सुनाई गई. बम ब्लास्ट मामलों की विशेष अदालत ने सजा सुनाई. अदालत ने 4 अप्रैल को चारों आतंकियों को भारतीय दंड संहिता, विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम सहित विस्फोटक अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दोषसिद्ध माना. आरोपित भारतीय दंड संहिता की धारा-120बी, 121ए, 307, 153ए, विस्फोटक अधिनियम की धारा-4, 5 और 6 सहित यूएपीए एक्ट की धारा 13 और 18 में आजीवन कारावास तक की सजा के प्रावधान है. राज्य सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक सागर तिवारी ने पक्ष रखा.