जयपुर: साल 2025 की शुरुआत जल्द ही होने जा रही है.ग्रह गोचर के लिहाज से साल 2025 बहुत ही महत्वपूर्ण होने जा रहा है.इस साल 4 बड़े ग्रह बदलाव करेंगे.साल 2025 की शुरुआत में शनि, राहु-केतु और गुरु चार ग्रहों का गोचर होगा.ऐसे में ये चारों ग्रह मिलकर सभी राशियों को प्रभावित करने वाले हैं.पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि साल 2025 में ग्रह गोचर के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होने जा रहा है.साल 2025 में एक साथ कई बड़े ग्रह गोचर करने जा रहे हैं.जिसका प्रभाव सभी राशियों, देश और दुनिया पर देखने को मिलेगा.साल 2025 में राहु, शनि, मंगल, गुरु और केतु सभी बड़े ग्रह का गोचर होगा. कुल मिलाकर 2025 मंगल के प्रभाव का वर्ष है.कई बड़ी कार्यवाही होगी.परिवर्तन आएगा.सबसे पहले अगर अंक शास्त्र के नजरिए से देखें तो 2025 का जोड़ 9 बनता है जो की ग्रहों के सेनापति मंगल के द्वारा शासित है.मंगल क्रिया और ऊर्जा का ग्रह है.इसका मतलब है कि 2025 दुनिया के नजरिए से साहसिक निर्णय, बड़े कार्यो और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक मजबूत अभियान का वर्ष होगा.मंगल चूंकि सेनापति है इसलिए वह चुनौतियां भी लेकर के आते हैं. इसलिए मंगल की ऊर्जा को बहुत बुद्धिमानी से संभालता आवश्यक हो जाता है।
ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि 2025 के राजा मंगल हैं इसलिए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि देश और दुनिया में सेना की कार्यवाही बढ़ जाएगी.राष्ट्र अध्यक्षों के पास साहस और पराक्रम पहले से कहीं अधिक होगा.वीरता को बढ़ावा दिया जाएगा और समस्याओं से निपटने और साहसिक कदम उठाने के लिए सरकार प्रेरित होंगी.मंगल का प्रभाव जहां एक ओर वीरता को बढ़ाता है वही संघर्ष का कारक भी बन सकता है.इसलिए राष्ट्रअध्यक्षों को शांत रहना होगा.जल्दबाजी में लिए गए निर्णय से बचना होगा.अगर आप शांत और गंभीर होकर कोई निर्णय लेंगे तो मंगल की उस तीव्र ऊर्जा को आप संतुलित कर पाएंगे.
ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि मीन राशि में शनि एक भावनात्मक जिम्मेदारी पर ध्यान केंद्रित करता है.कुंभ राशि का राहु तकनीक पर जोर देगा.सिंह राशि का केतु आपको अहंकार से अलग करके आध्यात्मिक दुनिया में लेकर के जाएगा और मिथुन राशि का बृहस्पति आपको सीखने और सामाजिक विकास को बढ़ावा देगा.कुल मिलाकर इन सभी ग्रहों गोचर की ऊर्जाओं को संतुलित करके आप परिवर्तन और व्यक्तिगत विकास के लिए खुले रहकर आत्मविश्वास के साथ इस नए साल का नेतृत्व कर सकते हैं।
ग्रह गोचर 2025
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि साल 2025 की शुरुआत में शनि अपनी स्वराशि कुंभ से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे.शनि 29 मार्च 2025 को मीन राशि में गोचर करेंगे.इसके बाद मई में राहु मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में पहुंचेंगे.18 मई 2025 को राहु मीन राशि में और केतु सिंह राशि में गोचर करेंगे.इसी के साथ गुरु साल 2025 में वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे.गुरु का गोचर 14 मई 2025 को मिथुन राशि में होगा।
शनि गोचर 2025
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि शनि 29 मार्च 2025 को मीन राशि में प्रवेश करेंगे.मीन राशि भावनात्मक और आध्यात्मिक गहराई की राशि है.शनि देव जब इस राशि में गोचर करेंगे तो आध्यात्म बढ़ेगा.रचनात्मक अभिव्यक्ति भी बढ़ेगी.इस समय सरकारों को दीर्घकालिक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना होगा जो कि समाज के अंतिम व्यक्ति की मदद करें.दूसरों की मदद करें.शनि देव का यह गोचर सरकारों को स्वास्थ्य जैसी चीजों पर ध्यान देने के लिए मजबूर करेगा.लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे और आध्यात्मिक विकास की चीजों को लेकर समाज के लोग जागरूक होंगे.व्यवहारिक कर्तव्य को संतुलित करना होगा और भावनाओं के साथ आपको कर्म भी करना होगा.
राहु गोचर 2025
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि राहु 18 मई को कुंभ राशि में प्रवेश करेगा जो की आपके कर्मों के परिणाम को दर्शाती है.यह राशि बदलाव की राशि है.भविष्य से जुड़ी राशि है.जब कुंभ राशि में राहु प्रवेश करेगा तो पुरानी कुछ प्रथाएं नष्ट होगी.नई तकनीक लोग अपनाएंगे.नए विचारों की खोज करेंगे.कुछ नए आविष्कार भी हो सकते हैं.सामाजिक परिवर्तन होगा और आईटी फील्ड में बहुत तेजी से सरकार का निवेश बढ़ सकता है.अगर आपके व्यक्तिगत जीवन की बात की जाए तो आप अब पुरानी कुछ चीजों से बाहर निकल कर कुछ अलग सोचने वाले हैं और आप अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रेरित होंगे.कुंभ राशि में राहु का गोचर एक नया सामाजिक दृष्टिकोण लेकर आएगा.
केतु गोचर 2025
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि केतु 18 मई को सिंह राशि में गोचर करेगा जो कि सूर्य की राशि है और नेतृत्व की राशि है.सिंह राशि में जब केतु प्रवेश करेगा तो लोगों का अहंकार, अभिमान बढ़ सकता है.उनकी मान्यताओं पर उनका विश्वास और मजबूत होगा.आपको यह ध्यान रखना होगा कि आंतरिक शक्ति की सफलता बेहद आवश्यक है.आपको ध्यान और शक्ति की उपासना करनी होगी.भौतिक सफलता के प्रति जो आपका लगाव है उसे आपको छोड़ना होगा.भौतिक सुख सुविधाओं के प्रति आपको कम आकर्षित होना चाहिए.सिंह राशि में जब केतु का गोचर होगा तो सरकारें एक संतुलित दृष्टिकोण विकसित कर सकती है जो व्यक्तिगत लाभ के बजाय दूसरों की सेवा पर केंद्रित रहेगा.
गुरु गोचर 2025
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि गुरु का गोचर 14 मई 2025 को मिथुन राशि में होगा.जो बुद्ध की राशि है.संचार की राशि है.तीसरे भाव की राशि है तो लोग नई चीज सीखेंगे.गुरुओं की कद्र होगी और लोग अपने ज्ञान को दूसरों के साथ बाटेंगे.यह समय नए विचारों और यात्राओं का होगा.आप अंदर से कुछ खुला हुआ महसूस करेंगे.मिथुन राशि में बृहस्पति का गोचर सामाजिक संपर्क और बौद्धिक गतिविधियों को बढ़ाता है लेकिन ध्यान केंद्रित रखना स्वयं पर यह भी बहुत आवश्यक है.अगर आप अपना व्यक्तिगत विकास करना चाहते हैं, शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं.अपना कम्युनिकेशन अच्छा करना चाहते हैं ,अपना सोशल सर्कल बढ़ाना चाहते हैं, सामाजिक नेटवर्क उसके लिए विस्तार का समय है.
ग्रहों के गोचर का प्रभाव
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि व्यापार में तेजी आएगी.देश में कई जगह ज्यादा बारिश होगी.प्राकृतिक घटनाएं होगी.भूकंप आने की संभावना है.तूफान, बाढ़, भूस्खलन, पहाड़ टूटने, सड़के और पुल भी टूटने की घटनाएं हो सकती हैं.बस और रेलवे यातायात से जुड़ी बड़ी दुर्घटना होने की भी आशंका है.बीमारियों का संक्रमण बढ़ सकता है.सामुद्रिक तूफान और जहाज-यान दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं.खदानों में दुर्घटना और भूकंपन से जन-धन हानि होने की आशंका बन रही है.रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.आय में इजाफा होगा.राजनीति में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखने को मिलेगा.
क्या करें उपाय
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें.प्रतिदिन सुबह और शाम हनुमान जी के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं.लाल मसूर की दाल शाम 7:00 बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं.हनुमान जी को पान का भोग और दो बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं.ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है.महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती पाठ करना चाहिए.माता दुर्गा, भगवान शिव और हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए.