जयपुर: राज्य के खान एवं भूविज्ञान विभाग ने वर्ष 2025-26 के राजस्व लक्ष्यों की प्राप्ति का रोड़ मैप बनाकर क्रियान्वयन की कार्ययोजना जारी कर दी है. प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने कहा कि प्रबंधकीय दक्षता और एग्रेसिव रणनीति बनाते हुए राजस्व लक्ष्यों को पूरा किया जाएगा. हाल ही समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी 9228 करोड़ 21 लाख रुपए का राजस्व संग्रहित कर सर्वाधिक 23.69 प्रतिशत विकासदर के साथ राज्य के राजस्व अर्जन करने वाले विभागों में खान विभाग आगे रहा है. प्रमुख सचिव खान एवं भूविज्ञान टी. रविकान्त खनिज भवन में निदेशक माइंस दीपक तंवर और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में स्पष्ट निर्देश दे दिए कि खान विभाग राजस्व अर्जन करने वाला प्रमुख विभाग है और ऐसे में राजस्व लक्ष्यों की प्राप्ति में किसी भी स्तर पर कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा खान विभाग की समीक्षा बैठकों के दौरान, वैध खनन को प्रोत्साहन और राजस्व छीजत को रोकने के निर्देश देते रहे हैं. इसके लिए विभाग द्वारा योजनावद्ध तरीके से राजस्व प्राप्ति की रणनीति तैयार की गई है. उन्होंने बताया कि राजस्व लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए माइनर और मिनरल ब्लॉक व प्लॉट तैयार कर उनकी समयवद्ध नीलामी के साथ ही न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों में स्टे वाले प्रकरणों में प्राथमिकता से स्टे निरस्त कराकर और अन्य प्रकरणों में राशि की वसूली, नीलाम ब्लॉकों व प्लॉटों को जल्द से जल्द परिचालन में लाने, खनन पट्टों आदि की बकाया किस्तों की वसूली, अवैध खनन या अन्य कारणों से लगाई गई शास्तियों की वसूली के कारगर प्रयास, आरसीसी ईआरसीसी के नोबिड ठेकों की कार्ययोजना बनाकर नीलामी, माइनिंग कंपनियों के अधिशुल्क का निर्धारण और वसूली, जब्त खनिजों की नीलामी और अवैध खनन गतिविधियों की शास्ति राशि की वसूली का रोड मैप बनाते हुए राजस्व संग्रहण के स्पष्ट निर्देश फील्ड अधिकारियों को दे दिए है.
विभाग द्वारा कार्यालयवार राजस्व संग्रहण के मासिक लक्ष्य जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने साफ किया कि स्वयं प्रमुख सचिव स्तर पर वीसी के माध्यम से राजस्व संग्रहण की नियतकालीन मोनेटरिंग की जाएगी. उन्होेंने विधानसभा प्रश्नों का समय पर उत्तर भिजवाने, संपर्क पोर्टल के प्रकरणों का निष्पादन, मुख्यमंत्री और मुख्यसचिव कार्यालय से प्राप्त महत्वपूर्ण प्रकरणों का समय पर निस्तारण और प्रकरणों के निष्पादन में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने खानों के क्लोजिंग एरर, सिफ्टिंग समस्या और ओवर लेपिंग के प्रकरणों के निराकरण के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करने को कहा.
निदेशक दीपक तंवर ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष के पहले पखवाड़े में ही विभाग द्वारा करीब 250 करोड़ का राजस्व संग्रहित किया जा चुका है. उन्होंने राजस्व लक्ष्यों की प्राप्ति पर विष्वास व्यक्त करते हुए कहा कि फील्ड अधिकारियेां को मासिक लक्ष्यों के साथ ही कार्ययोजना बनाकर भिजवाते हुए राजस्व लक्ष्यों की शत-प्रतिशत प्राप्ति और अवैघ खनन गतिविधियों पर कारगर रोक के निर्देश दिए हैं. निदेशक तंवर ने क्लोजिंग एरर सहित विभिन्न मुद्दों पर शीघ्र ही एसओपी जारी करने का विश्वास दिलाया. उन्होंने कहा कि मुख्यालय स्तर पर मोनेटरिंग सिस्टम को और अधिक मजबूत बनाया जा रहा है.
अतिरिक्त निदेशक महेश माथुर, एमपी मीणा, पीआर आमेटा, एडीजी आलोक जैन, गोपालाराम, एसएमई एनएस शक्तावत, प्रताप मीणा, ओपी काबरा, भीम सिंह, कमलेश्वर बारेगामा, एसपी शर्मा, अविनाश कुलदीप, जय गुरुबख्सानी, एनके बैरवा, अनिल खमेसरा, सुनील शर्मा, अरविन्द नन्दवाना ने विस्तार से सुझाव दिए. बैठक में ओएसडी श्रीकृष्ण शर्मा, एसजी सुनील कुमार वर्मा, एसजी नितिन चौधरी, एसीपी जयेश, वरिष्ठ लेखा अधिकारी वर्षा गहलोत, सहित अतिरिक्त निदेशक व एसएमई स्तर के अधिकारी मौजूद रहे.