VIDEO: दिल्ली मॉडल से पॉल्यूशन कंट्रोल! पुराने वाहनों को नहीं मिलेगा पेट्रोल और डीजल, राजस्थान में नई व्यवस्था होगी शुरू, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान के एनसीआर इलाके में अब 10 साल पुराने वाहन को डीजल और 15 साल पुराने वाहन को पेट्रोल नहीं मिल सकेगा. परिवहन विभाग इस योजना पर काम कर रहा है, जल्द ही इस नई व्यवस्था को शुरू किया जाएगा. दिल्ली की तर्ज पर अब प्रदेश के NCR में शामिल इलाकों में 10 और 15 साल से पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों को फ्यूल नहीं मिल सकेगा. दिल्ली में पहले से ही यह व्यवस्था लागू है. दिल्ली के इस मॉडल का अध्ययन करने के लिए परिवहन सचिव शुचि त्यागी ने एक कमेटी बनाई है. यह कमेटी दिल्ली जा कर वहां के मॉडल का अध्ययन करेगी और इसके बाद परिवहन सचिव को रिपोर्ट देगी. इसके बाद प्रदेश में भी NCR में शामिल जिलों में यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी.

10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के संचालन को रोकने के लिए परिवहन विभाग पहले ही ऐसे सभी वाहनों का पंजीयन निरस्त कर चुका है लेकिन इसके बाद भी कई वाहन संचालित हो रहे हैं जिसके कारण प्रदूषण बढ़ रहा है. ऐसे वाहनों के संचालन को पूरी तरह से रोकने के लिए ही परिवहन विभाग इन वाहनों को पेट्रोल और डीजल देने पर रोक लगाने का फैसला करने जा रहा है. 10 साल पुराने डीजल के और 15 साल पुराने पेट्रोल के वाहनों को पेट्रोल और डीजल की बिक्री रोकने के लिए NCR के सभी पेट्रोल पंपों पर कैमरे लगाए जाएंगे. यह कैमरे परिवहन विभाग के वाहन सॉफ्टवेयर से कनेक्ट होंगे अवधिपार वाहन आते ही पेट्रोल पंप पर इसकी जानकारी आएगी और ऐस वाहन को फ्यूल नहीं मिलेगा. दिल्ली में अभी इसी व्यवस्था से ही पुराने वाहनों को पेट्रोल डीजल की बिक्री नहीं हो रही हैं.

राजस्थान के NCR इलाके भरतपुर, अलवर, खैरथल और डीग जिले में करीब 6 हज़ार वाहन 10 और 15 साल पुराने थे चरणबद्ध तरीके से इन सभी वाहनों का पंजीयन परिवहन विभाग निरस्त कर चुका है. काफी वाहन ऐसे भी है जो स्क्रैप के लिए जा चुके हैं, लेकिन अभी भी चोरी छिपे कई वाहन एनसीआर इलाके में संचालित हो रहे हैं जिन्हें परिवहन विभाग नहीं रोक पा रहा है.

ऐसे वाहनों का संचालन रोकने के लिए ही परिवहन विभाग अवधिपार वाहनों को फ्यूल की बिक्री रोकने का प्रयोग करने जा रहा है. दिल्ली में अवधिपार वाहनों को पेट्रोल और डीजल की बिक्री रोकने के मॉडल का अध्ययन करने के लिए परिवहन सचिव ने 3 अधिकारियों की कमेटी बनाई है. कुलदीप यादव ,अतिरिक्त निदेशक तकनीकी , सौरभ पालीवाल उप वित्तीय सलाहकार और परिवहन निरीक्षक हितेश चंदूल इस कमेटी में शामिल है. यह कमेटी जल्द दिल्ली जा कर वहां के मॉडल का अध्ययन करेगी और इसके बाद परिवहन सचिव को अपनी रिपोर्टि देगी इसके बाद प्रदेश में इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा.