जयपुर : प्रदेश में दान के "रक्त" की एक-एक बूंद का अब ऑनलाइन हिसाब रखा जाएगा. पिछले दिनों दूसरे राज्यों में ब्लड की तस्करी और दुरूपयोग के कई मामले सामने आने के बाद एक्टिव मोड में आए आयुक्तालय ने रक्तदान शिविर से लेकर पूरी प्रक्रिया की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की कवायद शुरू की है. इसके लिए "ब्लड सप्लाई कैम्प मैनेजमेंट" एप बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसके जरिए एक क्लिक पर दान के "रक्त" की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध होगी. आखिर क्या है आयुक्तालय की प्लानिंग और आमजन को कैसे मिलेगा फायदा.
"रक्तदान, महादान", जिन्दगी से जुड़ी इस मुहिम को कुछ असामाजिक तत्वों ने कमाई का धंधा बना लिया है. अब इसे ड्रग आयुक्तालय की अनदेखी कहे या फिर राजस्थान स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल की मॉनिटरिंग की खामी जिसके चलते सामाजिक पेशे में कार्यरत कुछ निजी ब्लड बैंक "खून की तस्करी" जैसे आपराधिक कृत्य में लिप्त होने लगे है. पिछले दिनों सामने आए इस तरह के गंभीर मामलों को फर्स्ट इंडिया ने प्रमुखता से उठाया तो चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने एक्शन लेते हुए रक्त की तस्करी समेत अन्य अनियमिताओं में लिप्त निजी ब्लड बैंकों पर एक्शन शुरू किया. साथ ही अब पूरी प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ करने के लिए "ब्लड सप्लाई कैम्प मैनेजमेंट" एप बनाने की कवायद शुरू की गई है. इसके लिए आयुक्तालय ने 2.8 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें एक क्लिक पर ब्लड बैंक की सभी जानकारियां उपलब्ध होगी.
एप से क्या क्या मिलेगी सुविधाएं:
स्वैच्छिक रक्तदाता को मिलेगा तय समय पर रक्तदान का अलर्ट !
ड्रग आयुक्तालय की प्रदेशभर में ब्लड सप्लाई मैनेजमेंट की बड़ी कवायद
आयुक्तालय के स्तर पर प्रस्तावित "ब्लड सप्लाई कैम्प मैनेजमेंट" एप में रहेगी सुविधा
एप में ब्लड सेन्टर, सप्लायर, हॉस्पिटल और डोनर की हर सूचना होगी इंट्रीग्रेटेड
एप के माध्यम से रक्तदाता खुद को कर सकेगा रजिस्टर्ड, ताकि रिकॉर्ड रहे ऑनलाइन
इसमें रक्तदाता के डोनेशन से लेकर किसी बीमारी के ग्रसित होने का रहेगा रिकॉर्ड
साथ ही छह माह की निर्धारित समय सीमा के बाद उसे "रक्तदान" करने का आएगा मैसेज
रक्तदान शिविर आवंटन में खत्म होगी ब्लड बैंकों की मोनोपॉली !
ड्रग आयुक्तालय की प्रदेशभर में ब्लड सप्लाई मैनेजमेंट की बड़ी कवायद
आयुक्तालय के स्तर पर प्रस्तावित "ब्लड सप्लाई कैम्प मैनेजमेंट" एप में रहेगी सुविधा
रक्तदान शिविर के लिए आवेदन से लेकर ब्लड बैंक के आवंटन की प्रक्रिया होगी ऑनलाइन
यानी आयुक्तालय के स्तर पर तय किया जाएगा कि कौनसा नजदीकी ब्लड बैंक करेगा शिविर
अभी तक दूर-दराज के ब्लड बैंक "लाइजनिंग" के जरिए आंवटित करवा लेते है शिविर
हालात ये है कि जयपुर के ब्लड बैंक 500 किमी दूर के ब्लड कैंप का करवाते है आयोजन
इसके अलावा ब्लड सेन्टर के सभी कार्मिकों को भी एप पर किया जाएगा रजिस्ट्रेशन
ताकि, पूरे सिस्टम में पारदर्शिता के साथ ब्लड बैंकों पर कार्यरत रहे मेडिकॉज
आयुक्तालय की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव पर मुहर लगती है तो ब्लड की तस्करी जैसे अपराध पर भी लगाम लग सकेगी. आयुक्तालय के अधिकारियों के मुताबिक ब्लड बैग पर बार कोड लगाया जाएगा, साथ ही टेम्प्रेचर मेंटेन करने वाले बॉक्स की जीपीएस ट्रेकिंग से निगरानी होगी. यानी किसी भी कैम्प या ब्लड बैंक से रक्त का मूमेंट होगा तो उसकी ऑनलाइन जानकारी एप पर मिलेगी. इसके साथ ही राज्य सरकार के IHMS पोर्टल से जोड़कर अस्पतालों की ब्लड की डिमाण्ड भी ऑनलाइन माध्यम से पूरी होगी.
दान के रक्त के हर मूमेंट पर रहेगी ऑनलाइन मॉनिटरिंग !
ड्रग आयुक्तालय की प्रदेशभर में ब्लड सप्लाई मैनेजमेंट की बड़ी कवायद
आयुक्तालय के स्तर पर प्रस्तावित "ब्लड सप्लाई कैम्प मैनेजमेंट" एप में रहेगी सुविधा
ब्लड बैग पर बार कोड लगेगा,टेम्प्रेचर मेंटेन करने वाले बॉक्स की होगी जीपीएस ट्रेकिंग
किसी भी कैम्प या ब्लड बैंक से रक्त का होगा मूमेंट तो उसकी ऑनलाइन मिलेगी जानकारी
राज्य सरकार के IHMS पोर्टल से जोड़कर अस्पतालों की डिमाण्ड भी ऑनलाइन होगी पूरी
प्रत्येक ब्लड बैंक का "रियल टाइम डेटा" रहेगा ऑनलाइन
ड्रग आयुक्तालय की प्रदेशभर में ब्लड सप्लाई मैनेजमेंट की बड़ी कवायद
आयुक्तालय के स्तर पर प्रस्तावित "ब्लड सप्लाई कैम्प मैनेजमेंट" एप में रहेगी सुविधा
केन्द्र के "ई-रक्तकोष" पोर्टल से इट्रीग्रेट होगा "ब्लड सप्लाई कैम्प मैनेजमेंट" एप
इससे पता रहेगा कि ब्लड बैंक/स्टोरेज यूनिट में कितना ब्लड किस ग्रुप का उपलब्ध है
उपलब्ध रक्त की एक्सपायरी तिथि भी एक क्लिक पर होगी उपलब्ध
इसके अलावा राज्य से बाहर जाने वाले रक्त की सम्पूर्ण प्रक्रिया रहेगी ऑनलाइन