जयपुरः राजकीय सेवा से करीब डेढ़ साल से अवकाश स्वीकृत हुए बिना ही गैर हाजिर पर चल रहे आरएसएस अधिकारी अकील अहमद को राज्य सरकार ने सेवा से टर्मिनेट कर दिया है. कार्मिक विभाग के संयुक्त सचिव कनिष्क कटारिया ने इसके आदेश भी जारी किए हैं.
कार्मिक संयुक्त सचिव कनिष्क कटारिया की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अकील अहमद 5 जून 2022 से गैर हाजिर चल रहे थे इसके बाद सरकार ने उनकी सेवा समाप्त कर दी. पूर्व वक्फ बोर्ड CEO अकील अहमद ने राजकीय सेवा में 15 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर 15 मार्च 2022 से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति किए जाने का अनुरोध किया था. लेकिन 18 माह का असाधारण अवकाश उपभोग किए जाने के कारण उनकी 15 साल की सेवा में 18 माह कम रह गए थे जिसे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के योग्य नहीं माना गया. इसके बाद अकील अहमद खान ने 8 जून 2022 को पारिवारिक कारणों से राजकीय सेवा में बने रहना संभव नहीं बताते हुए त्यागपत्र स्वीकार करने का अनुरोध किया था. उसके बाद बिना मंजूरी के ही वे सेवा से गैर हाजिर हो गए. इसके बाद राज्य सरकार ने उनका तबादला निदेशक महिला बाल विकास बांसवाड़ा के पद पर किया था लेकिन उन्होंने वहां पदभार ग्रहण नहीं किया. इस संबंध में कार्मिक विभाग ने 31 नवंबर 2022, 7 जुलाई 2022, 16 मार्च 2023 और 27 जुलाई 2023 को कई नोटिस जारी कर पदभार ग्रहण करने को कहा था.
कारण बताओ नोटिस जारी
कार्मिक विभाग से भेजे गए पत्रों का जवाब नहीं देने और गैर हाजिर रहने पर नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण मांगा था, जिस पर खान ने विभाग के समक्ष प्रस्तुत हुए और बताया कि उन्होंने 5 जून 2022 से ही सेवा से इस्तीफा दे दिया था और स्वयं का कारोबार कर रहे थे, इसके बाद भी खान 18 नवंबर 2024 को विभाग के समक्ष उपस्थित हुए और अभ्यावेदन प्रस्तुत कर स्वैच्छिक सेवनिवृत्ति देने का अनुरोध किया था लेकिन उनकी राजकीय सेवा 15 वर्ष पूर्ण नहीं होने पर उन्हें स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति नहीं दी जा सकी. इसके बाद कार्मिक विभाग ने भी मान लिया कि अकील अहमद खान राजकीय सेवा में रहने के इच्छुक नहीं है इसलिए वह लगातार गैर हाजिर चल रहे हैं, राज्य सरकार ने भी अकील अहमद को 5 जून 2022 से लगातार गैर हाजिर रहने पर राजकीय सेवा से त्यागपत्र दिया हुआ समझ कर उनकी सेवा समाप्त कर दी है.