बाघिन टी 111 शक्ति दिखी दो शावकों के साथ, राजस्थान में 16 दिन में 5 बाघिनों ने 15 शावकों को दिया जन्म

बाघिन टी 111 शक्ति दिखी दो शावकों के साथ, राजस्थान में 16 दिन में 5 बाघिनों ने 15 शावकों को दिया जन्म

जयपुर : प्रदेश में बाघों की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले 15 दिन में पांच बाघिन 15 शावकों के साथ दिखाई दी हैं. आज भी रणथंभौर में जोन 4 में जामुन देह के पास बाघिन टी 19 'कृष्णा' की बेटी टी 111 'शक्ति' 2 शावकों के साथ दिखाई दी. एक टूरिस्ट गाइड की सूचना पर रणथंभौर की फील्ड डायरेक्टर अनूप केआर ने रेंज अधिकारी राम खिलाड़ी मीणा और स्टाफ को बाघिन और शावकों के दिखाई देने की पुष्टि के लिए भेजा. स्टाफ द्वारा पुष्टि करने के बाद बाघिन और शावकों की मॉनिटरिंग बढ़ा दी गई है. 

इन दो शावकों के दिखाई देने के साथ ही रणथंबगौर में बाघों की कुल संख्या 78 हो गई है. इनमें 24-24 बाघ और बाघिन तथा 30 सब एडल्ट और शावक हैं. ध्यान रहे 18 अप्रैल को बाघिन टी 107 सुल्तान जोन एक में तीन शावकों के साथ दिखाई दी थी. इसके बाद 27 अप्रैल को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बाघिन रानी ने एक सफेद सहित पांच शावकों को जन्म दिया. अगले ही दिन 28 अप्रैल को रणथंभौर के खैरियाखाल क्षेत्र में बोदल नाके के पास बाघिन आरबीटी 2313 भी कैमरा ट्रैप में 2 शावकों के साथ दिखी. इसके अगले दिन 30 अप्रैल को सरिस्का में बाघिन एसटी 30 भी 3 शावकों के साथ नजर आई. 

 

इस तरह से पिछले 15 दिन में प्रदेश के अंदर वाइल्ड और केप्टिविटी में नए बाघ शावकों का जन्म निश्चित तौर पर उत्साहजनक है. इससे वाइल्डलाइफ टूरिज्म भी बढ़ेगा और इस बात की भी तस्दीक होती है कि प्रदेश में बाघ संरक्षण की दिशा में बेहतर कार्य हो रहा है.. लेकिन एक चुनौती भी है की बढ़ती बाघों की आबादी से मानव बाघ संघर्ष की स्थिति न हो. बाघ परियोजनाओं से गांव विस्थापन किया जाए, नए ग्रेसलैंड विकसित हो, प्रे बेस मैनेजमेंट हो तभी जाकर बाघों की बढ़ती आबादी को सुरक्षित माहौल प्रदान किया जा सकेगा.