9 हजार से ज्यादा सरकारी कर्मचारी OPS के लाभ से दूर, लागू हुए हो गया दो साल से ज्यादा का वक्त

जयपुरः OPS लागू हुए दो साल से ज्यादा समय होने के बाद भी सरकारी कर्मचारियों के रूप में शामिल सभी कर्मचारियों-अधिकारियों को इसका फायदा नहीं हो पा रहा है. इनमें वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन, अकादमियों और अनुदानित संस्थाओं के समायोजित कर्मचारी मिलाकर 9000 से ज्यादा कर्मचारी शामिल हैं. करीब 9000 से ज्यादा सरकारी कर्मचारी राज्य सरकार में लागू ओपीएस का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. सरकारी कर्मचारी होते हुए भी यह लाभ न मिल पाने के चलते वे दोराहे पर खड़ा हुआ महसूस कर रहे हैं. 

वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के अभी भी करीब 85 कर्मचारियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. 

इसका कारण यह है कि 2022 में जब से ओपीएस लागू हुई तब से कई बार विकल्प दिया गया जिसमें कुछ कर्मचारी पुरानी पेंशन का विकल्प नहीं चुन पाए.

साथ ही जुलाई 2023 में जब वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन ने ओपीएस का विकल्प चुना और निर्धारित राशि भी जमा करा दी गई लेकिन तबसे फाइल इधर से उधर भटक रही है. 

अनुदानित संस्थाओं के समायोजित कर्मचारियों का यह है अंकगणित

2011 में स्कूल्स के 5665 और कॉलेजों के 1228 अनुदानित संस्थाओं के कर्मचारी सरकारी सेवा में समायोजित हुए थे.

इनमें से 3114 को दस वर्ष से कम सेवा होने के चलते ओपीएस का लाभ नहीं मिल पा रहा है. 

मृतक करीब 450 कर्मचारी हैं. 

क्या है कठिनाई ?
बोर्ड,कॉर्पोरेशन और अकादमियों की चूंकि अपनी अलग गवर्निंग बॉडी होती है. 

इसलिए राज्य सरकार का ओपीएस लागू करने का निर्णय उन्हें गवर्निंग बॉडी में रखकर पारित करना होता है. 

चूंकि इस बीच सरकार बदल गई और कई अकादमियों,कॉर्पोरेशन की गवर्निंग बॉडी या तो अस्तित्व में नहीं है या उनमें अलग तरह के विवाद हैं,इसलिए मसला नहीं सुलझ रहा. 

वहीं समायोजित कर्मचारियों के प्रकरण में वित्त विभाग करीब 6 माह से डाटा ही जुटाने में लगा है तो कुछ कोर्ट के भी केसेस हैं. 

दरअसल अब वित्त विभाग अकादमियों के प्रकरण को लेते हुए यह निर्णय करना चाह रहा है कि अभी ये अकादमियां,कॉर्पोरेशन ओपीएस लागू करने का निर्णय कर लें और विधिवत गठन के बाद पहली गवर्निंग बॉडी में इसे पारित करवा लें.