जयपुर: अंता से बीजेपी विधायक कंवर लाल मीणा की एक पुराने आपराधिक मामले के चलते उन्हें विधायक पद से अयोग्य घोषित कर दिया गया.विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अयोग्य घोषित किया.देवनानी ने कहा कि वे किसी भी प्रकार के दबाव में कार्य नहीं करते है और विधि सम्मत और न्याय सम्मत ही निर्णय लेते है.कांग्रेस के आरोपों को स्पीकर ने सिरे से खारिज कर दिया.बहरहाल अब अंता सीट पर उपचुनाव होना तय हो गया है.विधानसभा में फिर 199 विधायक ही रह गए.
बीएल कुशवाह के बाद कंवर लाल मीणा ऐसे दूसरे विधायक है जो राजस्थान की विधानसभा से आपराधिक आरोपों के कारण अयोग्य हो चुके है.कुशवाह पर मर्डर के आरोप लगे थे और कंवर लाल मीणा पर सरकारी अफसर पर पिस्तौल तानने, सरकारी काम में बाधा डालने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे थे इसमें उन्हें दोषी ठहराया गया. इस मामले में निचली अदालत ने उन्हें तीन साल कैद की सजा सुनाई थी और 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था.कंवर लाल ने इस फैसले को राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन हाई कोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा इसके बाद, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी और उन्हें आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया.
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, यदि किसी विधायक को दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती है, तो उसे अपनी सदस्यता गंवानी पड़ती है..ऐसा ही हुआ कंवर लाल मीणा के साथ.सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, कंवर लाल मीणा ने 21 मई 2025 को अकलेरा कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें जेल भेज दिया गया.कांग्रेस विधायक दल ने स्पीकर देवनानी से मिलकर कंवर लाल को विधायक पद से अयोग्य करने की मांग की थी.हालांकि स्पीकर देवनानी ने साफ कहा कि वे किसी भी प्रकार के दबाव में कार्य नहीं करते है और सम्बंधित प्रत्येक पहलू का गहन अध्ययन करके विधि सम्मत और न्याय सम्मत ही निर्णय लेते है इससे पहले भी विधान सभा से संबंधित अनेक विषयों पर विधान सभा के तत्कालीन अध्यक्षों ने बहुत अधिक समय लिया है.उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष जब कोर्ट में गए उससे पहले ही सुबह 10.30 बजे स्पीकर देवनानी ने निर्णय ले लिया था.
विधान सभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि विधायक कंवरलाल के संबंध में न्यायालय द्वारा दिये गये फैसले के दिन ही राज्य के महाधिवक्ता को विधिक राय दिये जाने को कह दिया था.देवनानी ने बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 177 में राज्य के महाधिवक्ता को विधानसभा के सदन में कार्रवाई में भाग लेने और राय देने का अधिकार होता है.देवनानी ने राहुल गांधी के विषय पर भी कहा कि निर्णय ऐसा होना चाहिए कि वापिस नहीं लेना पड़े. बहरहाल अब कोटा की अंता सीट पर विधानसभा उप चुनाव होगा.हाड़ौती की अंता सीट पर प्रमोद जैन भाया का दबदबा रहा है.इसी दबदबे को परास्त कर कंवर लाल मीणा विधायक बने थे.अंता सीट बारां जिले में आती है और लोकसभा क्षेत्र लगता है झालावाड़ बारां.यहां से सांसद है दुष्यंत सिंह..ये बेल्ट पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का प्रभाव क्षेत्र माना जाता है.