VIDEO: कांग्रेस का सरकार को घेरने का एक्शन प्लान, प्रवक्ताओं को तीखे हमलों की दी जाएगी ट्रेनिंग, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: मौजूदा माहौल के मद्देनजर कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरने के लिए रणनीति का नया खाका बनाया है. इसके तहत कांग्रेस अपने मीडिया प्रवक्ताओं और पैनलिस्ट को दिल्ली में एक खास ट्रेनिंग देगी. इस वर्कशॉप में हर राज्य के मीडिया इंचार्च को भी बुलाया गया है. वर्कशॉप में दिग्गज नेता सीजफायर,विदेशी नीति और आतंकवाद पर नीति जैसे अन्य मुद्दों पर घेरने के टिप्स प्रवक्ताओं को देंगे.

कांग्रेस थिंक टैंक ने मौजूदा माहौल में मोदी सरकार को और ज्यादा एक्सपोज करने का फैसला लिया है. दरअसल कांग्रेस रणनीतिकारों को लगता है कि भारत और पाक के टकराव के बाद हुए सीजफायर से केन्द्र सरकार बैकफुट पर है. ऐसे में सरकार पर हमले तेज करने और नए सवालों के साथ सरकार को घेरने का प्लान बनाया है. इसके लिए कल दिल्ली में प्रवक्ताओं की अहम बैठक बुलाई गई है.

-कांग्रेस का सरकार को घेरने का एक्शन प्लान
-कल दिल्ली में होगी प्रवक्ताओं की अहम बैठक
-राष्ट्रीय प्रवक्ता,नेशनल पैनलिस्ट और स्टेट इंचार्च होंगे बैठक में शामिल
-जयराम रमेश,पवन खेड़ा और सुप्रिया श्रीनेता जैसे नेता देंगे टिप्स
-राहुल गांधी औऱ अध्यक्ष खड़गे भी हो सकते है बैठक में शामिल
-मोदी सरकार पर हमले तेज करने की बैठक में बनेगी रणनीति
-विदेशी नीति और सीजफायर जैसे मुद्दों पर कांग्रेस पूछेगी अब तीखे सवाल
-प्रवक्ताओं से पब्लिक के मिजाज का भी लिया जाएगा फीडबैक

दरअसल एक तरह से यह बैठक ट्रेनिंग और वर्कशॉप का ही पार्ट होगा. इसमें प्रवक्ताओं को नए एंगल और मौजूदा ज्वलंत मुद्दों पर सरकार के सामने तीखे सवाल रखने के टिप्स दिए जाएंगे. प्रवक्ताओं को बताया जाएगा कि किस तरह वर्तमान मुद्दों पर तथ्यों सहित प्रभावशाली तरीके से उनको बात रखना है. जिससे सरकार की खामियों को उजागर करके उसे एक्सपोज किया जा सके. इसके अलावा जातिगत जनगणना और सेना के शौर्य का क्रेडिट लेने जैसे मुद्दों पर भी प्रवक्ताओं को गाइड किया जाएगा.

इस बैठक में राजस्थान से स्वर्णिम चतुर्वेदी,सारिका सिंह और संदीप चौधरी जैसे प्रवक्ता औऱ पैनेलिस्ट भी मौजूद रहेंगे. बैठक में करीब 140 मीडिया से जुड़े नेताओं को बुलाया गया है. दरअसल इस कवायद के पीछे कांग्रेस का मकसद पूरी तरीके से मोदी सरकार की विदेश नीति और ट्रंप के बयानों पर सरकार की खामोशी के माहौल को भुनाना है. अब देखना है कि हाईकमान किस तरह प्रवक्ताओं के जरिए पब्लिक को इन मुद्दों पर आकर्षित कर पाती है.