चंबल में घड़ियालों पर भारी मगरमच्छ की सल्तनत ! संरक्षण के बावजूद सिमट रहा कुनबा

चंबल में घड़ियालों पर भारी मगरमच्छ की सल्तनत ! संरक्षण के बावजूद सिमट रहा कुनबा

जयपुरः चंबल में घड़ियालों पर मगरमच्छ की सल्तनत भारी है. संरक्षण के बावजूद घड़ियालों का कुनबा सिमट रहा है. घड़ियालों की संख्या करीब 2500 रह गई है. जबकि चंबल नदी दुनिया के 75% घड़ियालों की शरणस्थली है, 1978 में स्थापित चंबल घड़ियाल अभयारण्य 5400 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है. जो कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, धौलपुर और करौली जिलों को कवर करता है. 

यह अभयारण्य घड़ियाल, लालमुकुट कछुआ सहित गंगेटिक डॉल्फिन के संरक्षण के लिए बनाया गया है. राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य के 2025 के सर्वे के अनुसार पिछले साल के मुकाबले 64  घड़ियाल कम हुए है. इसके विपरित मगरमच्छों की संख्या में वृद्धि हुई है. मगरमच्छों की संख्या 157 बढ़कर 1085 हुई है. जबकि गंगेटिक डॉल्फिन की संख्या 111 पर स्थिर है.