नई दिल्ली: भीषण गर्मी का कहर देश पर जारी है. ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद की एक रिपोर्ट ने देशभर में गर्मी के प्रकोप को लेकर गंभीर आंकड़े पेश किए हैं. रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि भारत के आधे से अधिक जिले भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं. देश के 734 जिलों में से 417 जिलों पर गर्मी का संकट बढ़ रहा है. इनमें 266 जिले वेरी हाई रिस्क, 114 हाई रिस्क और 201 मॉडरेट रिस्क वाले माने गए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 10 प्रमुख राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सबसे ज्यादा गर्मी की चपेट में हैं. इनमें दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गोवा, केरल, गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश शामिल हैं. यह ध्यान देने की बात है कि इन क्षेत्रों में गर्मी का कहर हर साल तेज होता जा रहा है, और इससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यावरण पर भी गंभीर असर पड़ रहा है.
विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन भारत में गर्मी बढ़ने का मुख्य कारण है. मानव गतिविधियों, अनियंत्रित शहरीकरण और वनों की कटाई के कारण ये संकट और गहरा रहा है.
बढ़ती गर्मी के पीछे मुख्य कारण
- जलवायु परिवर्तन का सीधा असर मौसम चक्र पर पड़ा है.
- जंगलों की कटाई और बेतरतीब शहरीकरण ने समय पर बारिश को प्रभावित किया है.
- प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध उपयोग तापमान बढ़ाने में योगदान दे रहा है.