नई दिल्ली: भारतीय सेना ने हाल ही में पाकिस्तान की ओर से हुई फायरिंग का निर्णायक जवाब देते हुए पाकिस्तान के लाहौर शहर पर ड्रोन हमला कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया. यह जवाब भारत की सीमा पर बढ़ती नापाक हरकतों को लेकर दिया गया. इस घटना के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल समेत वरिष्ठ अधिकारी युद्ध रूम में स्थिति पर नजर रख रहे हैं. वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री और राज्य मंत्री मार्को रुबियो ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से संपर्क कर हालात की जानकारी ली.
भारतीय सेना और सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सीमा पर शांति बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है, लेकिन यदि पाकिस्तान की ओर से उकसाने वाली हरकतें जारी रहीं, तो इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा.
Drone हमला: भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति:
भारत ने अपनी सुरक्षा की सीमा पर किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ स्पष्ट कार्रवाई की है. हाल की घटना में भारतीय सेना ने ड्रोन का उपयोग कर लाहौर में कई महत्वपूर्ण स्थानों पर सटीक हमला किया. भारतीय सेना के इस कदम से यह जाहिर होता है कि भारत किसी भी तरह के आतंकवाद और उकसाने वाली हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा. प्रमुख रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इस कार्रवाई से पाकिस्तान को अपनी सीमा पर शांति बहाल रखने की चेतावनी दी गई है.
पाकिस्तान को अमेरिका की चेतावनी:
अमेरिकी दूतावास ने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया है कि उसे युद्ध से तुरंत पीछे हट जाना चाहिए. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के कदमों को अमेरिका का समर्थन प्राप्त है. पाकिस्तान को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करना होगा, वरना इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी कठोर दबाव का सामना करना पड़ सकता है.
लाहौर पर ड्रोन हमला: वैश्विक प्रतिक्रिया:
भारतीय सेना के इस कदम पर अमेरिका ने भी अपना दृष्टिकोण साफ कर दिया. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने एस. जयशंकर से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘हालिया घटना में भारत का उठाया कदम यह स्पष्ट करता है कि यह मात्र आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए है. पाकिस्तान को तुरंत सीमा पर शांति बनाए रखने की दिशा में सक्रिय होना चाहिए. पाकिस्तान की सरकार को अपनी सेना पर नियंत्रण पाने की जरूरत है, ताकि आग भड़कने से रोकी जा सके.
मानवीय अधिकारों का उल्लंघन नहीं करेगा भारत:
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत का कदम केवल भारतीय सीमा की रक्षा के लिए है. सीमा पर हो रही गतिविधियों पर भारत पूरी नजर बनाए हुए है और किसी निर्दोष नागरिक को इस संघर्ष में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा.
NSA अजीत डोभाल का नेतृत्व:
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल युद्ध रूम से स्थिति पर नजर रख रहे हैं. उन्होंने सुरक्षा बलों के अधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा, ‘‘भारत एक शांतिप्रिय देश है, लेकिन जब-जब हमारी सीमाओं को चुनौती दी जाएगी, हम मजबूती से जवाब देंगे.’’ उन्होंने यह भी कहा कि इस परिस्थिति में भारत की प्राथमिकता नागरिकों और अपनी सीमाओं की सुरक्षा है. साथ ही देश किसी भी मुश्किल घड़ी से निपटने के लिए तैयार है.
भारत का रक्षा मजबूत संदेश:
भारत द्वारा उठाए गए इस कदम ने स्पष्ट कर दिया है कि देश अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. चाहे वह आतंकवादी गतिविधियां हों या दुश्मन देश के उकसाने वाले प्रयास, भारत इसे कड़ा जवाब देगा.