नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति और बिगड़ गई है. भारतीय सेना ने पाकिस्तान के चार प्रमुख शहरों लाहौर, कराची, इस्लामाबाद और सियालकोट पर मिसाइल दागी. इस हमले के साथ ही दोनों देशों के बीच गंभीर हालात उत्पन्न हो गए हैं.
भारतीय सेना के इस ऑपरेशन का मकसद पाकिस्तान की उन गतिविधियों पर लगाम लगाना था, जिनमें आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया जा रहा है. देश के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इस स्थिति पर गहरी प्रतिक्रिया दी और यूरोपियन यूनियन सहित वैश्विक समुदाय से चर्चा करते हुए स्पष्ट कर दिया कि भारत अपने हितों को सुरक्षित रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा.
इस हमले में पाकिस्तानी सेना का आर्मी कैंप खास तौर पर निशाना बना. इसके अलावा भारत ने मिसाइलों के जरिए पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के महत्वपूर्ण ठिकानों को भी निशाना बनाया. खबर है कि भारत की इस कार्रवाई के चलते पूरे पाकिस्तान में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
भारत ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में महत्वपूर्ण एरियल वेपन सिस्टम (AWACS) को भी नष्ट कर दिया. यह पाकिस्तान की सेना के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि यह हमला पाकिस्तान को चेतावनी देने के उद्देश्य से किया गया है.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, "भारत, पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे आतंकवादी हमलों को अब और सहन नहीं करेगा. यह समय पलटवार का है. अगर दुश्मन ने कोई कदम उठाया तो उसे मुँहतोड़ जवाब दिया जाएगा.
पाकिस्तान पर भारत के ताजा हमले ने एक बड़ा संदेश भेजा है:
"हम शांति चाहते हैं, लेकिन हमारी शांति की कमजोरी नहीं समझी जानी चाहिए. पाकिस्तान को अब आतंकवाद का समर्थन बंद करना होगा," - भारतीय सेना अधिकारी.
भारत के आक्रमण का उद्देश्य:
भारत ने यह कार्रवाई पाकिस्तान द्वारा लगातार सीमा पार से की जा रही आतंकवादी गतिविधियों के जवाब में की है. इन मिसाइल हमलों का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान की नीतियों और योजनाओं को बाधित करना है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह सैन्य कार्रवाई भारत का आत्मरक्षा का कदम है.