नई दिल्ली: भारतीय सेना ने पाकिस्तान की ओर से भारतीय सैन्य ठिकानों पर किए गए हमलों का करारा जवाब देते हुए अपनी ताकत का प्रदर्शन किया. जम्मू, पठानकोट और उधमपुर के सैन्य ठिकानों पर पाकिस्तान ने मिसाइल और ड्रोन दाग कर हमले की कोशिश की. भारतीय सेना ने इन हमलों को नाकाम कर दिया और जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के तीन लड़ाकू विमानों को मार गिराया.
भारतीय सेना द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पाकिस्तान ने एफ-16 और जेएफ-17 जेट तैनात कर भारतीय सैन्य अड्डों को निशाना बनाने की कोशिश की थी. सेना प्रमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इन हमलों से हमारे किसी भी सैन्य ठिकाने को नुकसान नहीं पहुंचा. सेना पूरी तरह सतर्क है और हर चुनौती का सामना करने को तैयार है."
हमलों की स्थिति और सेना का जवाब:
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने कई मिसाइल और ड्रोन का प्रयोग किया था. इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय सीमाओं के अंदर घुसपैठ कर रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाना था. भारतीय वायुसेना ने तुरंत हरकत में आकर पाकिस्तान के एक एफ-16 और दो जेएफ-17 लड़ाकू विमानों को मार गिराया. सेना ने यह भी साफ किया कि स्थिति अब पूरी तरह शांतिपूर्ण है और किसी भी खतरे से निपटने के लिए सेना पूरी तरह तैयार है.
भारतीय सेना ने दिखाया अभूतपूर्व शौर्य:
इस हमले के बाद भारतीय सेना ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि पाकिस्तान की यह कार्रवाई केवल भय और भ्रम पैदा करने की कोशिश थी, जिसमें वे पूरी तरह असफल रहे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम अपनी सीमाओं की रक्षा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. चाहे वह सीमा पार से कोई भी खतरा हो, हमारी सेना हर समय सक्रिय और सतर्क है."
पाकिस्तानी मिसाइल और ड्रोन हमले की कोशिश नाकाम:
पाकिस्तान द्वारा दागे गए कई मिसाइल और ड्रोन भारतीय सीमा क्षेत्र के पास गिराए गए. सेना ने दावा किया कि इन हमलों का उद्देश्य भारतीय सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाना था, लेकिन भारतीय सेना ने उन्हें समय पर निष्क्रिय कर दिया.
तीन पाकिस्तानी लड़ाकू विमान ध्वस्त:
भारतीय वायुसेना ने कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान का एक एफ-16 और दो जेएफ-17 लड़ाकू विमान ध्वस्त किया. इन विमानों का लक्ष्य था भारतीय जवानों को हानि पहुंचाना, लेकिन भारतीय सेना की सतर्कता ने इन्हें अधूरा ही छोड़ दिया.
भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों की स्थिति सुरक्षित:
सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान के हमलों के बावजूद भारतीय सैन्य ठिकानों पर कोई नुकसान नहीं हुआ. ये हमले केवल भारत को उकसाने की कोशिश थे. सेना ने हर स्थिति को नियंत्रण में रखा और सबूत के साथ पूरी स्थिति स्पष्ट की.