खुशखबरी में भविष्य के खतरे के दिख रहे संकेत ! आज 4 वर्षीय बाघिन RBT 2313 दो शावकों के साथ हुई कैमरा ट्रैप

जयपुर: रणथंभौर में बाघिन आरबीटी 2313 आज दो शावकों के साथ कैमरा ट्रैप में नजर आई. बाघिन टी 79 और बाघ टी 108 की बेटी है बाघिन RBT 2313. आज फलोदी रेंज के बोदल नाके के पास खैरिया खाल क्षेत्र में आरबीटी 2313 दो शावकों के साथ कैमरा ट्रैप हुई. दोनों शावक की उम्र दो से तीन माह बताई जा रही है. दरअसल इन दोनों शावकों का बाप भी बाघ टी 108 बताया जा रहा है जो इन शावकों का नाना भी है. यानी ओल्ड सुल्तानपुर के नाम से मशहूर रही बाघिन टी 13 की बेटी बाघिन टी 79 के बच्चों का आप भी टी 108 ही है. 

ऐसे में इस घटना से वन्य जीव विशेषज्ञों के बीच में एक नई बहस छिड़ गई है जो रणथंभौर पर मंडरा रहे भविष्य के खतरे की ओर संकेत दे रही है. दरअसल एक ही जीनपूल के बाघ होने, बाघों की संख्या बढ़ने और टेरिटरी सिकुड़ने तथा बाघ-बाघिन के बीच लिंगानुपात समान होने के चलते रणथंभौर के इतिहास में यह पहली दुर्लभ घटना घटी है. बाघिन RBT 2313 के दोनों शावक उसके पिता यानी टी 108 से होना भविष्य के खतरे की ओर संकेत दे रही है. 

यही हाल रहे तो जीनपूल गड़बड़ाने के साथ ही बाघों में गंभीर संक्रमण या बीमारी भी देखने को मिल सकती है. वन्य जीव विशेषज्ञ अभिषेक चौधरी की माने तो इससे पहले भी बाघ टी 58 ने अपनी बेटी की 127 के साथ मेंटिंग की और टी 23 ने भी अपनी मां टी 22 के साथ मेंटिंग की लेकिन उनसे शावकों का जन्म नहीं हुआ. इस मामले में रणथंभौर के पूर्व फील्ड डायरेक्टर मनोज पाराशर का कहना है कि जीनपूल गड़बड़ाने से इनब्रीडिंग की समस्या है. 

 

बाघों को स्वच्छंद विचरण और स्ट्रेस फ्री रहने के लिए अपने टेरिटरी की भी जरूरत होती है जोकि रणथंभौर में उन्हें मिल नहीं पा रही. इसलिए जीन पूल बढ़ाने के लिए दूसरे राज्यों से बाघ;बाघिन लाना बहुत जरूरी है. अमित चौधरी और अतुल गुर्जर ने भी इस घटना को दुर्लभ बताया है और शीघ्र ही रणथंभौर को लेकर वृहद कार्य योजना बनाकर उसे पर काम शुरू करने की जरूरत बताई है.