जयपुर: प्रदेश भर के कई शहरी निकाय राज्य सरकार के आदेश की जमकर अवहेलना कर रहे हैं. जिस आदेश की पालना आज से डेढ़ महीने पहले की जानी थी,उस आदेश की पालना सरकार की ओर से स्मरण पत्र जारी करने के बाद भी नहीं की गई.
प्रदेश की पिछली कांग्रेस सरकार के समय हुई भर्तियों को लेकर कई सवाल उठे हैं. भर्तियों में अनियमित्ताओं के मामले भी सामने आए हैं. मुख्य सचिव सुधांश पंत ने इस 24 मार्च को विभिन्न विभागों की बैठक ली थी. इस बैठक में कांग्रेस सरकार के समय विभिन्न पदों पर हुई भर्तियों के जांच के आदेश दिए गए थे. इसी आदेश की पालना में स्वायत्त शासन विभाग की ओर से पिछली कांग्रेस सरकार में हुई भर्तियों की जांच के लिए 3 अप्रेल को प्रदेश भर के निकायों को आदेश जारी किए थे. तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय स्वायत्त शासन विभाग में 1101 पदों पर भर्ती की गई थी. आपको सबसे पहले बताते हैं तत्कालीन कांग्रेस सरकार में किस संवर्ग में कितने पदों पर भर्ती की गई थी.
-स्वायत्त शासन विभाग में कनिष्ठ अभियंताओं के 274 पदों पर भर्ती की गई
-सहायक नगर नियोजकों के 50 पदों पर भर्ती की गई
-वरिष्ठ प्रारूपकार के 79 पदों पर भर्ती की गई
-अग्निशमन अधिकारी के 21, फायरमैन के 479 पदों पर,
-वाहन चालक फायर के 160 और
-सहायक अभियंता सिविल के 38 पदों पर भर्ती की गई
-इन भर्तियों की जांच निकाय स्तर पर की जाएगी
-जिन अभ्यर्थियों की प्रथम नियुक्ति जिस निकाय में हुई है
-वहीं निकाय उन अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच करेगा
-इसके लिए स्वायत्त शासन विभाग की ओर से निकाय स्तर पर समिति का गठन किया गया था
निकायों की जांच समिति को जांच के लिए आवेदन पत्रों की छाया प्रति स्वायत्त शासन विभाग से मंगवानी थी. निकाय के आयुक्त या अधिशासी अधिकारी की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया गया . इस समिति में संबंधित संवर्ग के अनुसार तकनीकी अधिकारी शामिल किया गया है. मसलन सहायक अभियंता के मामले में समिति में सहायक अभियंता,सहायक नगर नियोजक के मामले में सहायक नगर नियोजक और अग्निशमन अधिकारी के मामले में अग्निशमन अधिकारी से कम स्तर का अधिकारी जांच समिति में शामिल नहीं होगा. आपको बताते हैं कि यह जांच समिति किस तरह काम करेगी.
-निकाय की जांच समिति कार्मिकों की शैक्षणिक पात्रता के दस्तावेज,प्रमाण पत्र,शपथ पत्र,पहचान पत्र,फोटो व हस्ताक्षर आदि की जांच करेगी.
-जिन मामलों में जांच के दौरान संदिग्ध डिग्री या सर्टिफिकेट सामने आता है तो उनका दुबारा सत्यापन किया जाएगा.
-राज्य के बाहर की डिग्री या सर्टिफिकेट,निजी विश्वविद्यालय या निजी संस्थान की ओर से जारी डिग्री या सर्टिफिकेट और.
-खेल प्रमाण पत्र से संबंधित दस्तावेजों का जांच समिति की ओर से दुबारा सत्यापन किया जाएगा.
-भर्ती के लिए किए गए मूल आवेदन पत्र में कार्मिक की फोटा व हस्ताक्षर का मिलान हाजिरी रजिस्टर से किया जाएगा.
-कार्मिक के दसवीं,बारहवीं,स्नातक आदि के संयुक्त औसत अंको का भर्ती परीक्षा की मेरिट में प्राप्त अंको से मिलान किया जाएगा.
-इसके अलावा जांच समिति भर्ती या किसी कार्मिक विशेष की भर्ती के खिलाफ प्राप्त शिकायत की भी जांच करेगी.
स्वायत्त शासन विभाग की ओर से 3 अप्रेल को इन भर्तियों की जांच का आदेश जारी किया था. इस आदेश के मुताबिक निकायों को 8 अप्रेल तक जांच रिपोर्ट विभाग को भेजनी थी. आपको बताते हैं कि प्रदेश भर के कई निकाय किस प्रकार मुख्य सचिव के निर्देशों पर जारी विभाग के इस आदेश की अवहेलना कर रहे हैं.
-निर्धारित अवधि 8 अप्रेल तक प्रदेश भर के अधिकतर निकायों ने विभाग को जांच रिपोर्ट नहीं भेजी.
-इस पर विभाग की ओर से 24 अप्रेल को निकायों को स्मरण पत्र जारी किया गया.
-इस स्मरण पत्र में तीन दिन में आवश्यक रूप से जांच रिपोर्ट भेजने को कहा गया.
-इसके बावजूद स्थिति में नहीं हुआ खास सुधार.
-अब भी कई निकायों ने भर्तियों की जांच कर रिपोर्ट विभाग को नहीं भेजी है.
-इसके चलते अब स्वायत्त शासन विभाग ने एक बार फिर स्मरण पत्र जारी किया है.
-स्मरण पत्र जारी कर निकायों को फिर से तीन दिन में जांच रिपोर्ट विभाग को भेजने के लिए कहा गया है.