जयपुर: आषाढ़ी वायु धारिणी पूर्णिमा के अवसर पर विश्व धरोहर स्मारक ज्योतिष यंत्रालय जंतर मंतर में सूर्यास्त काल में शास्त्रानुसार ध्वज पूजन एवं वायु परीक्षण किया जाएगा. शनिवार शाम 7.17 बजे पताका फहराई जाएगी. इस दौरान जयपुर शहर के प्रसिद्ध विद्वानों एवं दैवज्ञों की मौजूदगी में वृष्टि संबंधित पूर्वानुमान पर निर्णय लिया जाएगा.
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में दृष्टि विज्ञान के आधार पर गत कार्तिक से प्रारम्भ होने वाले वृष्टि के गर्भधारण काल से अब तक के आकाशीय लक्षणों व ग्रह योगों के आधार पर इस वर्ष चतुर्मास में वर्षा के योग पर सभी विद्वानों द्वार वायु परीक्षण के बाद अपना मत प्रस्तुत किया जाएगा. वायु परीक्षण एवं अन्य योग का तुलनात्मक प्रतिफल ही चतुर्मास का वर्षा का योग होता है, जो बहुत ही महत्वपूर्ण है.
पं. भास्कर श्रोत्रिय, निदेशक संस्कृत शिक्षा विभाग राजस्थान, पं. सतीश शर्मा, सीनियर नेशनल वॉयस प्रेसीडेन्ट इण्डियन काउसिल ऑफ एस्ट्रोलोजिकल साइन्स, बंशीधर ज्योतिष पंचागकर्ता पं. दामोदर शर्मा, पं. चन्द्रमोहन दाधीच, डॉ. भोजराज शर्मा, पं. श्रीकृष्ण शर्मा, डॉ. मुकेश कुमार शर्मा एवं आचार्य शिवदत शास्त्री सहित अन्य ज्योतिषाचार्य वायु परीक्षण में मौजूद रहेंगे.