VIDEO: कांग्रेस का राजस्थान में ओबीसी और दलित कार्ड, दोनों वर्ग के 8 नेताओं को दिया अच्छा प्रतिनिधित्व, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: कांग्रेस पार्टी राजस्थान के ओबीसी और दलित वर्ग के नेताओं को काफी तवज्जो दे रही है.पीसीसी चीफ से लेकर एआईसीसी प्रभारी तक 6 नेता ओबीसी वर्ग से आते हैं.ओबीसी के बाद दलित वर्ग से टीकाराम जूरी नेता प्रतिपक्ष है तो विनोद जाखड़ एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष है. राहुल गांधी जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी की बात करते हुए जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं.राहुल गांधी दलित,एसटी और ओबीसी को आबादी के तहत हक देने की डिमांड कर रहे है.राहुल गांधी का यह फार्मूला राजस्थान कांग्रेस में जरुर फिट बैठ रहा हैं.राहुल की सोच के तहत राजस्थान कांग्रेस के ओबीसी और दलित वर्ग के नेताओं को अच्छा प्रतिनिधित्व मिला हुआ है.

राजस्थान में ओबीसी और दलित वर्ग का दबदबा:

 पद                           नाम                                        वर्ग
पीसीसी चीफ                 गोविंद डोटासरा                 ओबीसी
महिला कांग्रेस चीफ            सारिका सिंह                   ओबीसी
यूथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष          अभिमन्यू पूनिया             ओबीसी
AICC प्रभारी                 हरीश चौधरी                      ओबीसी
AICC सचिव                 दिव्या मदेरणा                     ओबीसी
AICC ज्वाइंट सेकेट्री           विजय जांगिड़                 ओबीसी
नेता प्रतिपक्ष                 टीकाराम जूली                      एससी
एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष         विनोद जाखड़               एससी


राजस्थान के दलित और ओबीसी वर्ग के 8 नेताओं को कांग्रेस ने अच्छी पोस्ट दे रखी है.इन आठ नेताओं में 6 नेता ओबीसी वर्ग से ताल्लुक रखते हैं.इसके बाद जनरल कैटेगरी से भंवर जितेन्द्र सिंह AICC महासचिव और हेम सिंह शेखावत सेवादल के राजस्थान प्रमुख है.वहीं महासचिव सचिन पायलट औऱ सचिव धीरज गुर्जर एमबीसी वर्ग से आते हैं.वहीं एकमात्र मुस्लिम चेहरे के तौर पर दानिश अबरार ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में सचिव है.एसटी वर्ग से रामकेश मीणा विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष औऱ रफीक खान चीफ व्हिप है.सारिका सिंह को अग्रिम संगठ महिला कांग्रेस का हैड बनाने के बाद पार्टी गलियारों में जातिगत समीकरणों के यह चर्चा तेजी से हो रही है.

आपको बता दे कि दलित,एसटी और मुस्लिम वोट बैंक कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है.राजस्थान में इन वर्गों के वोटों का अधिकतर झुकाव कांग्रेस की तरफ ही रहा है.लेकिन अब रणनीति के तहत कांग्रेस ओबीसी वर्ग को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व दे रही है.हालांकि ओबीसी जातियों में इसको लेकर जरुर बहस हो रही है कि जाट जाति के नेताओं को ही ज्यादा मौके दिए जा रहे हैं.मूल ओबीसी पर भी कांग्रेस को फोकस करने की जरुरत है.वहीं आने वाले दिनों में बदलाव के तहत अब एसटी औऱ मुस्लिम नेताओं को अच्छी जिम्मेदारी दी जा सकती है.