जेडीए की जमीनों पर अतिक्रमियों की खैर नहीं, चलेगा पीला पंजा, कुल 820.43 हेक्टेयर जमीन है प्रभावित

जयपुरः जेडीए की जमीनों पर मौज काट रहे अतिक्रमियों की अब खैर नहीं. जेडीए अब अपनी बेशकीमती जमीनों को अतिक्रमियों के चंगुल से मुक्त कराने की तैयारी कर रहा है. जल्द ही इन अतिक्रमणों पर जेडीए का पीला पंजा चलता नजर आएगा. 

नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने 9 जुलाई को जेडीए में अधिकारियों की बैठक ली थी. इस बैठक में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने निर्देश दिए थे कि सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण चिन्हित कर उन्हें हटाने की कार्रवाई शुरू की जाए. इन निर्देशों पर जेडीए की प्रवर्तन शाखा की ओर से सभी जोन कार्यालयों से सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण की रिपोर्ट मांगी गई. यह रिपोर्ट जेडीए की प्रवर्तन शाखा को मिल चुकी है. किस जमीन पर कहां अतिक्रमण है,इस बारे में मौके पर सत्यापन के लिए जेडीए की प्रवर्तन शाखा और जोन कार्यालयों की टीम ने संयुक्त रूप से काम करना शुरू कर दिया है. सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की शुरुआत इसी हफ्ते होगी. आपको सबसे पहले बताते हैं कि जोन कार्यालयों की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार कुल कितनी जमीनों पर किस प्रकार के अतिक्रमण हैं और इस पूरी कवायद का क्या उद्देश्य है?

-9 जुलाई को ली जेडीए की समीक्षा बैठक के बाद यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा
-"यह कटु सत्य है कि जेडीए को विकास कार्य के लिए धन की आवश्यकता है" 
-"इसलिए जोन वार सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं" 
-"इन जमीनों के बेचान से जैसे-जैसे धन आएगा, उसके अनुसार विकास कार्य करवाए जाएंगे"
-जेडीए की आर्थिक सेहत मजबूत करने के लिहाज से सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण चिन्हित किए गए
-जेडीए के सभी जोन कार्यालयों की ओर से भेजी रिपोर्ट के अनुसार 
-कुल 820.43 हेक्टेयर जमीन अतिक्रमण से प्रभावित है
-इस जमीन में से 370.11 हेक्टेयर भूमि पर स्थायी और अस्थायी अतिक्रमण है
-इसमें से 192.58 हेक्टेयर भूमि पर स्थायी अतिक्रमण या पक्के निर्माण कर कब्जा किया गया है
-जबकि 177.53 हेक्टेयर सरकारी भूमि अस्थायी प्रकार के अतिक्रमण कर कब्जा किया गया है

जेडीए के जोन कार्यालयों की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार जोन 3 में किसी भी सरकारी भूमि पर अतिक्रमण नहीं बताया गया है. जबकि जोन 13 में सरकारी जमीनों पर सबसे अधिक अतिक्रमण है. जबकि दूसरे पायदान पर रहने वाले जोन 12 में इससे करीब आधी जमीनों पर अतिक्रमण है. आपको बताते हैं कि किस जोन में कितनी सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण हैं और इस मामले में किस जोन की क्या स्थिति है.

-जोन 13 में सबसे अधिक 132.98 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण है
-दूसरे नंबर पर जोन 12 है जिसमें 66.67 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण है
-तीसरे नंबर पर जोन 10 हैं जिसमें 40.45 हैक्टेयर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण है
-चौथे नंबर पर जोन 5 है जिसमें में 31.32 हैक्टेयर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण है
-पांचवे नंबर पर जोन 4 है जिसमें 25.38 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण है
-छठे नंबर पर जोन 11 है जिसमें 20.9 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण है
-सातवें नंबर पर जोन 9 हैं जिसमें 17.01 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण है
-आठवें नंबर पर जोन 14 है जिसमें 14.6 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण है
-नवें नंबर पर जोन 1 है जिसमें 6.09 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण है
-दसवें नंबर पर जोन 7 है जिसमें 5.04 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण है
-ग्यारवें नंबर पर जोन 2 है जिसमें 2.87 हैक्टेयर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण है
-सबसे निचले पायदान पर जोन 3 है जिसमें शून्य अतिक्रमण बताया गया है
-इसके अलावा जोन 6 में 1.9 हेक्टेयर,जोन 8 में 0.18 हेक्टेयर,
-पीआरएन नॉर्थ प्रथम में 2.25 हेक्टेयर,पीआरएन नाॅर्थ द्वितीय में 0.5 हेक्टेयर,
-पीआरएन साउथ प्रथम में 1.02 हेक्टेयर और
-पीआरएन साउथ द्वितीय में 0.069 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण है

नगरीय विकास मंत्री के निर्देशों के बाद जेडीए स्वामित्व की जमीनों पर अतिक्रमण की स्थिति सामने आई है. जेडीए के जोन और प्रवर्तन शाखा के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही इन अतिक्रमणों का सबसे बड़ा कारण है. अब इन अतिक्रमणों को हटाने के लिए कार्रवाई तो होगी लेकिन इस कार्रवाई के बाद दुबारा जमीनों पर अतिक्रमण नहीं हो, इसके लिए क्या जिम्मेदार अधिकारी सतर्क रहेंगे. और अगर फिर मिलीभगत या लापरवाही से इन जमीनों पर कब्जे हुए तो क्या जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा?