नई दिल्ली : पेरिस में AI सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं एक सरल प्रयोग से शुरुआत करता हूं. यदि आप अपनी मेडिकल रिपोर्ट एआई ऐप पर अपलोड करते हैं, तो यह सरल भाषा में, बिना किसी शब्दजाल के, आपके स्वास्थ्य के लिए इसका क्या मतलब है, समझा सकता है. लेकिन यदि आप उसी ऐप से किसी व्यक्ति का बाएं हाथ से लिखते हुए चित्र बनाने को कहते हैं, तो ऐप सबसे अधिक संभावना किसी व्यक्ति को उसके दाएं हाथ से लिखते हुए दिखाएगा.
AI अभूतपूर्व पैमाने और गति से विकसित हो रहा है और इसे और भी तेज़ी से अपनाया और लागू किया जा रहा है. सीमाओं के पार भी गहरी निर्भरता है. इसलिए, शासन और मानकों को स्थापित करने के लिए सामूहिक वैश्विक प्रयासों की आवश्यकता है जो हमारे साझा मूल्यों को अपलोड करते हैं, जोखिमों को संबोधित करते हैं और विश्वास का निर्माण करते हैं.
लेकिन शासन केवल दरार और प्रतिद्वंद्विता को प्रबंधित करने के बारे में नहीं है. यह नवाचार को बढ़ावा देने और वैश्विक भलाई के लिए इसे लागू करने के बारे में भी है. इसलिए हमें नवाचार और शासन के बारे में गहराई से सोचना चाहिए और खुलकर चर्चा करनी चाहिए. AI मानवता के लिए मददगार है. AI लाखों जिंदगियां बदल सकता है. AI समिट की मेजबानी के लिए राष्ट्रपति मैक्रों का धन्यवाद.
AI के लिए वैश्विक प्रयास जरूरी है. AI दूसरी तकनीक से अलग है. AI लोगों का जीवन बदल देगा. समाज और सुरक्षा के लिए AI बेहद मददगार है. हमें ओपन सोर्स सिस्टम विकसित करना चाहिए जो विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ाए. हमें पक्षपात रहित गुणवत्तापूर्ण डेटा सेंटर बनाने चाहिए, हमें प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण करना चाहिए और लोगों को केन्द्रित करने वाले एप्लिकेशन बनाने चाहिए. हमें साइबर सुरक्षा, गलत सूचना और डीपफेक से संबंधित चिंताओं को दूर करना चाहिए.
हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रौद्योगिकी प्रभावी और उपयोगी होने के लिए स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र में निहित हो. नौकरियों का नुकसान एआई का सबसे भयावह व्यवधान है, लेकिन इतिहास ने दिखाया है कि प्रौद्योगिकी के कारण काम गायब नहीं होता है, केवल इसकी प्रकृति बदल जाती है. हमें एआई-संचालित भविष्य के लिए अपने लोगों को कौशल और पुनः कौशल प्रदान करने में निवेश करने की आवश्यकता है.