VIDEO: RUHS के कुप्रबन्धन पर कार्रवाईयों की हैट्रिक ! मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की नाराजगी के बाद बड़ा एक्शन, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : RUHS अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की नाराजगी के बाद जिम्मेदार अधिकारियों पर "कार्रवाई" की गाज गिरना शुरू हो गई है. पूरे प्रकरण में जांच पूरी होते ही RUHS विवि प्रशासन ने अस्पताल अधीक्षक डॉ महेन्द्र कुमार बैनाड़ा को निलम्बित करते हुए पद से हटा दिया. प्रकरण में एक अन्य चिकित्सक को भी निलम्बित करने के साथ ही आधा दर्जन से अधिक चिकित्सक व अन्य अधिकारियों को चार्जशीट प्रस्तावित की गई है.

भजनलाल सरकार की मंशा है कि एसएमएस अस्पताल के विकल्प के रूप में RUHS को विकसित किया जाए. इसी बात को ध्यान में रखते हुए पिछले बजट में RUHS को रिम्स में तब्दील करने की महत्वपूर्ण घोषणा की गई. लेकिन एक साल से अधिक समय बीतने के बावजूद RUHS प्रशासन न तो सुविधाएं विकसित कर पाया और न ही जरूरत के हिसाब से भर्तियों को अंतिम रूप दिया जा सका है. RUHS अस्पताल प्रशासन के कुप्रबन्धन का आलम ये रहा कि VRV एसी के मेंटिनेंस कॉन्ट्रेक्टर को 9 माह से भुगतान नहीं किया गया. नतीजन, लम्बे समय से पूरे परिसर में एसी खराब चल रहे थे. भीषण गर्मी के बीच ओटी में बगैर एसी के मरीजों के ऑपरेशन किए जा रहे थे. लेकिन जिम्मेदार पदों पर बैठे किसी भी चिकित्सक व अन्य अधिकारियों को कोई चिंता नहीं थी. ऐसी अव्यवस्थाओं की रिपोर्ट मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तक पहुंची तो उन्होंने संवेदनशीलता दिखाते हुए चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार से रिपोर्ट तलब की. साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के भी निर्देश दिए. इसके बाद पूरे सिस्टम में खलबली का माहौल दिखा और 24 घंटे के भीतर जिम्मेदारों पर एक्शन शुरू हुआ ! इस पूरे प्रकरण में प्रथमदृष्टया दोषी मानते हुए अस्पताल अधीक्षक डॉ महेन्द्र कुमार बैनाड़ा को निलम्बित करते हुए पद से हटाया गया. साथ ही माइक्रोबायोलॉजी सहायक आचार्य डॉ जितेंद्र पंडा को भी निलम्बित किया गया है.

-आखिरकार डॉ महेन्द्र कुमार बैनाड़ा पर गिरी गाज !
-RUHS के कुप्रबन्धन पर सीएम की नाराजगी के बाद हुए एक्शन से जुड़ी खबर
-RUHS से पदमुक्त अधीक्षक डॉ महेन्द्र कुमार बैनाड़ा को किया गया निलम्बित
-चिकित्सा शिक्षा विभाग ने RUHS विवि के रजिस्ट्रार की सिफारिश पर लिया एक्शन
-निलम्बन काल के दौरान डॉ बैनाड़ा को शासन सचिव मुख्यालय पर रिपोर्ट करने के निर्देश
-फर्स्ट इंडिया से सबसे पहले दिए थे बैनाड़ा को पदमुक्त करने के बाद निलम्बन के संकेत
-दरअसल, इस पूरे प्रकरण में डॉ महेन्द्र कुमार बैनाड़ा से मांगा गया था स्पष्टीकरण
-लेकिन 15 अप्रेल शाम पांच बजे के निर्धारित समय तक डॉ बैनाड़ा ने नहीं दिया जवाब
-साथ ही कुलपति प्रो प्रमोद येवले की बैठक में भी बैनाड़ा नहीं दे पाए संतोषजनक जवाब
-डॉ बैनाड़ा के इस तरह के रवैये को विवि प्रशासन ने माना प्रबन्धन में घोर लापरवाही
-कुलपति प्रो येवले के निर्देश पर तत्काल पद से हटाए गए डॉ महेन्द्र कुमार बैनाड़ा

-RUHS प्राचार्य समेत आधा दर्जन अफसरों को भी चार्जशीट !
-अस्पताल में "कुप्रबन्धन" पर CM की नाराजगी के बाद हुए एक्शन से जुड़ी खबर
-RUHS कुलपति प्रो प्रमोद येवले के निर्देश पर सरकार को भेजी गई विस्तृत रिपोर्ट
-चिकित्सा शिक्षा सचिव को भेजी गई रिपोर्ट में RUHS मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ विनोद जोशी,
-अति.प्राचार्य डॉ अनिल गुप्ता,वित्त अधिकारी हुलास राय पंवार,मुख्य लेखाधिकारी फैलीराम मीणा,
-लेखाधिकारी रामस्वरूप रावत, नर्सिंग अधीक्षक आलोक शर्मा, अवधेश मीणा को भी माना जिम्मेदार
-इन सभी अधिकारियों को "चार्जशीट" दिए जाने की कार्रवाई प्रस्तावित/विचाराधीन होने का जिक्र
-इससे पहले RUHSअधीक्षक डॉ महेन्द्र कुमार बैनाडा और डॉ जितेंद्र पंडा हो चुके है निलम्बित
-प्रशासन की इस तरह की कार्रवाई से पूरे चिकित्सा शिक्षा विभाग में मचा हुआ हड़कम्प
-क्योंकि, RUHS मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ विनोद जोशी की विभाग में है अलग तरह की छवि
-चर्चा ये कि जोशी खुद RUHS की व्यवस्थाओं से नहीं थे खुश, पद छोड़ने का बना चुके थे मानस

ruhs अस्पताल में "कुप्रबन्धन" को लेकर हाईलेवल के प्रसंज्ञान के बाद भले ही बड़ा एक्शन लिया गया हो, लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रशासन की कार्यशैली अभी भी सवालों के घेरे में है. इसके पीछे का कारण ये है कि आरयूएचएस समेत राजधानी के एक दर्जन से अधिक अस्पतालों में से आठ अस्पतालों में स्थाई अधीक्षक ही मौजूद नहीं है. किसी जगह कार्यव्यवस्था तो किसी जगह अतिरिक्त चार्ज के भरोसे काम चलाया जा रहा है. आश्चर्य की बात ये है कि कुछ अधीक्षक तो खुद पद छोड़ने का आग्रह कर चुके है. ये ही वजह है कि अधिकांश अस्पतालों में मरीजों की सेवाओं में बड़ी दिक्कतें देखी जा रही है.

-"कार्यव्यवस्था" या फिर "चार्ज" के भरोसे चिकित्सा तंत्र !
-"हाईलेवल" तक पहुंच रही अस्पतालों की अव्यवस्थाओं की इनसाइड स्टोरी
-SMS मेडिकल कॉलेज से अटैच 12 अस्पतालों में से आठ में नहीं स्थाई अधीक्षक
-प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में डॉ सुशील भाटी, जनाना में नूपुर लोरिया,
-गणगौरी अस्पताल में डॉ हरजीत सिंह, कांवटिया अस्पताल में डॉ आर एस तंवर,
-जवाहर नगर सैटेलाइट हॉस्पिटल में डॉ गोवर्धन मीणा, एसएसबी में डॉ विनय मल्होत्रा,
-SCI में डॉ संदीप जसूजा और सेटेलाइट हॉस्पिटल बनीपार्क में डॉ पीडी मीणा को जिम्मा
-लम्बे समय से ये सभी चिकित्सक बतौर "वर्किंग अरेंजमेंट" देख रहे अधीक्षक पद का काम
-आश्चर्य ये कि इनमें से कुछ ने तो पद से मुक्त करने के लिए प्रशासन को कई बार किया आग्रह
-लेकिन 1 साल से अधिक समय बीतने के बावजूद इंटरव्यू प्रक्रिया के तहत नियुक्ति का इंतजार
-कुछ ऐसा ही हाल RUHS यूनिवर्सिटी से अटैच जयपुरिया और RUHS अस्पताल में भी व्याप्त
-जयपुरिया में अधीक्षक का काम देख रहे डॉ महेश मंगल को अब RUHS अस्पताल का भी चार्ज
-जबकि RUHS मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ विनोद जोशी भी कार्यव्यवस्था में ही कर रहे काम
-ऐसे में सवाल ये कि क्या प्रशासन को नहीं मिल रहे इन प्रमुख पदों के लिए अनुभवी-योग्य चिकित्सक
-या फिर सिस्टम में बैठे "जिम्मेदारों" को नहीं अस्पतालों में सामने आ रही अव्यवस्थाओं की कोई चिंता ?