जयपुर: विधानसभा में आज एक बार फिर तीन संभाग में नौ जिलों को निरस्त करने का मामला उठा कांग्रेस की तरफ से दो विधायकों ने शून्य काल में मामला उठाया. वहीं सरकार की तरफ से ससंसदीय कार्यमंत्री ने जवाब दिया सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन में हंगामा करते हुए कार्यवाही से बहिर्गमन किया.
विधानसभा में आज लगातार दूसरे दिन 9 जिलों व तीन संभाग को निरस्त करने का मामला उठा. विधानसभा अध्यक्ष ने बुधवार को व्यवस्था दी थी कि गुरुवार को शून्य काल में कांग्रेस के दो विधायकों को बोलने का मौका दिया जाएगा. आज शून्य काल में कांग्रेस विधायक सुरेश मोदी और रामकेश मीणा ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि सरकार ने राजनीतिक द्वेषता के कारण 9 जिलों और तीन संभाग को निरस्त कर दिया है दोनों विधायकों ने आरोप लगाया कि जनता के कई वर्षों तक चले आंदोलन के बाद जिले बनाए गए थे लेकिन सरकार ने जिले निरस्त कर कर जन भावना का अनादर किया है.
कांग्रेस सदस्यों द्वारा लगाए गए आरोपों का सरकार की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने जवाब दिया. उन्होंने कहा किजादूगर ने जाते जाते नए जिलों का चुनावी खेल खेला. जनता ने जादूगर को हराकर विपक्ष में बैठा दिया. जोगाराम पटेल ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने बिना मापदंडों के जिले बना दिए. हम एक तहसील अस्पताल खोलते हैं तो भी पूरी व्यवस्था देखते हैं. एक जिले पर 800 से 1000 करोड रुपए खर्च होते हैं. इसकी कोई व्यवस्था नहीं की गई.
संसदीय कार्य मंत्री के जवाब से विपक्ष असंतुष्ट नजर आया. कांग्रेसी विधायको ने वेल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. साथ में जिला और संभाग निरस्त करने के फैसले को बदलने की मांग उठाई. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार जिलों के मामले पर चर्चा करने से बच रही है. सरकार ने बिना मापदंड के जिले निरस्त कर दिए.
जिलों के मुद्दे पर सरकार की तरफ से यह भी कहा गया कि यह मामला हाई कोर्ट में चल रहा है. वहीं विपक्ष में सदन से बहिर्गमन करके जिलों के मुद्दे पर अपना विरोध बरकरार रखा.